दिल्ली में वायु प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल खोलने को लेकर कही ये बात
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 3 मुद्दों की ओर इशारा करते हुए कहा कि छात्रों के घर में रहने से समस्या का हल नहीं निकलेगा। कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के उच्च स्तर के बावजूद स्कूल बंद नहीं किए जाने चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने अंतिम निर्णय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) पर छोड़ दिया है। इसमें कक्षा 10 और 12 के लिए शारीरिक कक्षाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का निर्णय भी शामिल है।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि कई छात्रों के घरों में एयर प्यूरीफायर नहीं, इसलिए घर पर बैठे बच्चों और स्कूल जाने वाले बच्चों में कोई अंतर नहीं है। पीठ ने कहा कि काफी छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए सुविधा नहीं और अगर ऑनलाइन कक्षाएं आगे भी जारी रहीं तो वे पिछड़ जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि स्कूल और आंगनवाड़ी बंद होने से छात्र मिड-डे मील से वंचित हो रहे हैं।
आदेश की प्रति मिले बिना ही जल्दी निर्णय लेने को कहा
कोर्ट ने कहा कि CAQM को आदेश की प्रति के बिना जल्द निर्णय लेना चाहिए और कोर्ट उम्मीद करती है कि आज या कल सुबह तक निर्णय हो जाएगा। पीठ ने GRAP-4 के खंड 5 और खंड 8 (केवल शैक्षणिक संस्थानों के संबंध में) के साथ-साथ GRAP-3 के खंड 11 के अनुसार कार्रवाई में ढील देने पर विचार करने को कहा। इन खंडों में स्कूलों में छात्रों की भौतिक कक्षाओं को निलंबित करने और उन्हें बंद करने की सिफारिश है।
दिल्ली में 'बहुत खराब' बनी हुई है हवा
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति अब भी "बेहद खराब" दर्जे में बनी हुई है। सोमवार को सुबह 7 बजे राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 346 था। दिल्ली यातायात पुलिस ने सख्ती करते हुए अक्टूबर से 22 नवंबर के बीच 53 दिन में 1.64 लाख गाड़ियों पर 164 करोड़ रुपए के चालान काटे हैं और 700 से अधिक गाड़ियां जब्त की हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर लगातार पानी की बौछार हो रही है।
दिल्ली में लागू है GRAP-4 के तहत पाबंदी
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण की पाबंदियां लागू हैं। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर BS-III वाले पेट्रोल वाहनों और BS-IV के डीजल वाहनों के दिल्ली-NCR में प्रवेश पर प्रतिबंध है। इनमें बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहन भी शामिल हैं। हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, बिजली लाइनों, पाइपलाइनों और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक है। सभी सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश दिया गया है।