सुप्रीम कोर्ट में बैलेट पेपर की मांग खारिज, कहा- जीतने पर EVM से छेड़छाड़ नहीं होती?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बैलेट पेपर (मतपत्र) से चुनाव कराने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका प्रचारक डॉ केए पॉल द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि दुनिया के कई देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जगह मतपत्र से चुनाव होते हैं। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और पीबी वराले की खंडपीठ याचिकाकर्ता की दलीलों से प्रभावित नहीं हुई और याचिका को खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने क्या दिया तर्क
याचिकाकर्ता पॉल ने कोर्ट में कहा कि वह 155 देश गए हैं और सभी जगह बैलेट पेपर का उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि 2018 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और 2024 में जगन मोहन रेड्डी ने भी EVM पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि एलन मस्क भी इसमें छेड़छाड़ की संभावना जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह याचिका राजनीतिक न होकर देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए दायर की गई है।
कोर्ट ने क्या कहा?
जनहित याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो EVM से छेड़छाड़ नहीं होती है और जब आप चुनाव हारते हैं तो EVM से छेड़छाड़ हो जाती है। कोर्ट ने कहा, "जब चंद्रबाबू नायडू हार गए थे, तो उन्होंने कहा था कि EVM से छेड़छाड़ की जा सकती और अब जब जगन मोहन रेड्डी चुनाव हार गए तो वे कह रहे कि EVM से छेड़छाड़ की जा सकती है।"