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    सुप्रीम कोर्ट की ED को नसीहत, पारदर्शिता रखे और बदले की भावना से काम न करे
    सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ED को नसीहत दी

    सुप्रीम कोर्ट की ED को नसीहत, पारदर्शिता रखे और बदले की भावना से काम न करे

    लेखन गजेंद्र
    Oct 03, 2023
    02:08 pm

    क्या है खबर?

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को काम में पारदर्शिता रखने और बदले की भावना से काम न करने की नसीहत दी।

    न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और संजय कुमार की पीठ ने रियल एस्टेट समूह M3M के गिरफ्तार निदेशकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, "ED को पारदर्शी होना चाहिए। बोर्ड से ऊपर होना चाहिए। निष्पक्षता-सत्यनिष्ठा के प्राचीन मानकों के अनुरूप होना चाहिए और उसके रुख में बदले की भावना नहीं होनी चाहिए।"

    नसीहत

    क्या है मामला?

    ED ने 14 जून को M3M समूह के निदेशक पंकज और बसंत बंसल को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद ED ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

    पंकज और बसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है।

    दोनों ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के गिरफ्तारी रद्द करने के आदेश को चुनौती दी है।

    जमानत

    सुप्रीम कोर्ट ने दोनों निदेशकों को दी जमानत

    लॉ ट्रेंड के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने गुरूग्राम स्थित कंपनी के दोनों निदेशकों को जमानत दे दी। कोर्ट ने वकीलों की बहस सुनने के बाद 11 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ED ने आरोपियों को लिखित प्रति दिए बिना मौखिक रूप से गिरफ्तारी का कारण बताया, जो गंभीर है।

    पीठ ने कहा, "यह ED की कार्यशैली पर खराब असर डालता है, खासकर तब जब एजेंसी पर देश की वित्तीय सुरक्षा की जिम्मेदारी है।"

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