स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह ने लगाई गो फर्स्ट के लिए बोली
क्या है खबर?
कर्ज के बोझ तले दबी एयरलाइन गो फर्स्ट दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है और खरीदार की तलाश में है। अब बंद हो चुकी एयरलाइन को खरीदने के लिए स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह ने भी बोली लगाई है।
उन्होंने बिजी बी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर संयुक्त रूप से एयरलाइन को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। सिंह ने ये बोली अपनी व्यक्तिगत क्षमता में लगाई है।
बयान
सिंह बोले- गो फर्स्ट में अपार संभावनाएं
रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह और बिज बी गो फर्स्ट में परिचालन भागीदार बन सकते हैं, जिसमें कर्मचारी, सेवाएं और उद्योग विशेषज्ञता प्रदान करना शामिल है।
एक बयान में सिंह ने कहा, "गो फर्स्ट में अपार संभावनाएं हैं और इसे स्पाइसजेट के साथ तालमेल में काम करने के लिए पुनर्जीवित किया जा सकता है, जिससे दोनों को लाभ होगा। उड़ान और गंतव्यों पर रणनीति बनाकर स्पाइसजेट और गो फर्स्ट बाजार की बड़ी हिस्सेदारी पर कब्जा कर सकती हैं।"
दिवालिया प्रक्रिया
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है गो फर्स्ट
आर्थिक संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने पिछले साल मई में राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) के समक्ष स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था।
हालांकि, ये प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है और हाल ही में इसे पूरी करने की समयसीमा को 60 दिन के लिए बढ़ाया गया है।
बता दें कि गो फर्स्ट पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, IDBI बैंक और डॉयचे बैंक का 6,521 करोड़ रुपये का कर्ज है।
वजह
क्यों दिवालिया हो गई गो फर्स्ट?
आर्थिक संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने अपने बयान में कहा था कि अमेरिका की प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) इंटरनेशनल एयरो इंजन कंपनी द्वारा खराब इंजनों की आपूर्ति की बढ़ती संख्या के कारण उसे 10,800 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
कंपनी ने कहा था कि खराब इंजनों के कारण उसे 25 विमानों का परिचालन रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जो उसके कुल बेड़े का करीब 50 प्रतिशत थे।
शेयर
स्पाइसजेट के शेयरों में उछाल
इस बीच स्पाइसजेट के शेयरों में उछाल देखा गया है। आज कारोबारी सत्र के दौरान स्पाइसजेट के एक शेयर की कीमत 71.90 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इसमें बीते एक दिन में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इससे पहले 12 फरवरी को स्पाइसजेट ने ऐलान किया था कि वो अपने 1,400 कर्मचारियों या कुल 15 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करेगी। इससे कंपनी को सालाना 100 करोड़ रुपये की बचत होगी।