#NewsBytesExplainer: 18 साल पुरानी एयरलाइन गो फर्स्ट की क्यों हुई क्रैश लैंडिंग? जानें पूरी कहानी
कभी देश की शीर्ष एयरलाइन में से एक गो फर्स्ट आज दिवालिया होने की कगार पर है। हालात ये हैं कि कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए अर्जी दाखिल की है और आज से अगले 2 दिन तक सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। कंपनी के सैकड़ों ग्राहक परेशान है और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। समझते हैं गो फर्स्ट की उड़ान और फिर क्रैश लैंडिंग की पूरी कहानी।
कैसे हुई गो फर्स्ट की शुरुआत?
भारतीय कारोबारी नुस्ली वाडिया के छोटे बेटे जहांगीर वाडिया ने 2005 में कम लागत वाली एयरलाइन के तौर पर गो फर्स्ट की स्थापना की थी। तब इसे गो एयर नाम से जाना जाता था। 4 नवंबर, 2005 को गो फर्स्ट की पहली फ्लाइट ने मुंबई से अहमदाबाद के बीच उड़ान भरी थी। बाकी एयरलाइन के मुकाबले गो फर्स्ट की टिकटें सस्ती थी, इसलिए जल्द ही गो फर्स्ट ने देश के अलग-अलग रूट पर विमान सेवाओं की शुरुआत की।
लगातार 15 महीनों तक शानदार प्रदर्शन
सितंबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच गो फर्स्ट परफॉर्मेंस के आधार पर लगातार 15 महीने तक देश की टॉप एयरलाइन बनी रही। कंपनी के पास फिलहाल 59 विमान शामिल हैं, जिनमें से 54 A320 NEO और A320 CEO हैं। गो फर्स्ट में इस समय 800 पायलट, 900 इंजीनियर और 1,700 केबिन क्रू मेंबर काम कर रहे हैं। देश-विदेश के कई शहरों में कंपनी का नेटवर्क फैला है। देश के एविएशन सेक्टर में कंपनी की 6.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कैसे हुई संकट की शुरुआत?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाडिया परिवार का एयरलाइन सेक्टर में कोई अनुभव नहीं था। अखबार इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए वाडिया परिवार के करीबी ने कहा था, "गो फर्स्ट इसलिए शुरू की गई क्योंकि जेह वाडिया की इच्छा थी कि वह एक एयरलाइन शुरू करें, लेकिन उनके पास इस बिजनेस को लेकर कोई प्लान नहीं था और सिर्फ 2 विमानों को पट्टे पर लेकर एयरलाइंस शुरू कर दी गई।"
कोरोना महामारी और प्रैट एंड व्हिटनी इंजन ने बढ़ाई परेशानी
साल 2020 में कोरोना महामारी से उपजे हालातों का असर एयरलाइन पर भी पड़ा। करीब सालभर तक एयरलाइन की उड़ानें ठप रहीं। एयरलाइन के संकट को बढ़ाने का काम किया इसके विमानों में लगे प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) इंजन ने। जुलाई, 2022 में इंजन में खराबी के कारण एयरलाइन के 24 विमान उड़ान भरने लायक नहीं रहे। वर्तमान में भी कंपनी के 29 विमान इंजन संबंधी समस्याओं के चलते उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।
कंपनी का आर्थिक लेखा-जोखा
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, गो फर्स्ट पर वित्त वर्ष 2020-21 में 2,540 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो 2021-22 में बढ़कर 3,513 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह कंपनी को वित्त वर्ष 2020-21 में 870 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो 2021-22 में बढ़कर 1,804 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी ने सरकार से 600 करोड़ रुपये का कर्ज भी लिया है। 2021 में कंपनी IPO भी लाने वाली थी, जिसे बाद में टाल दिया गया।
गो फर्स्ट पर देनदारों के 6,520 करोड़ रुपये बकाया
रॉयटर्स के मुताबिक, गो फर्स्ट पर देनदारों के 6,520 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक लोन की सभी किस्तों को समय पर भरा है। कंपनी पर बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,424 करोड़, सैंट्रल बैंक का 1,405 करोड़, ड्यूश बैंक का 1,320 करोड़, IDBI बैंक का 37 करोड़ और एक्सिस बैंक का 30 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं एयरक्राफ्ट लीजिंग और वेंडर का मिलाकर कुल 11,460 करोड़ रुपये बकाया है।
गो फर्स्ट के आरोपों पर P&W का क्या कहना है?
गो फर्स्ट के आरोपों पर इंजन सप्लायर P&W का बयान सामने आया है। P&W ने कहा कि गो फर्स्ट का समय पर भुगतान नहीं करने का लंबा इतिहास रहा है। P&W ने कहा, "हम एयरलाइन ग्राहकों की सफलता के लिए प्रतिबद्ध है। हम सभी ग्राहकों के लिए डिलीवरी शेड्यूल को प्राथमिकता देते हैं। गो फर्स्ट से जुड़ा मामला अब कोर्ट पहुंच गया है, इसलिए हम आगे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।"
कंपनी ने स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए किया आवेदन
गो फर्स्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) के समक्ष स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है। इसका मतलब कंपनी ने खुद स्वीकार किया है कि वो दिवालिया हो चुकी है। कंपनी के आवेदन पर 4 मई को सुनवाई होनी है। वहीं, मामले पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार संकट में फंसी गो फर्स्ट की हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रही है।
कंपनी की दिवालिया अर्जी पर आगे क्या हो सकता है?
अगर कंपनी की दिवालिया अर्जी स्वीकार हो जाती है तो एयरलाइन के बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा। इसके बाद कर्ज देने वाले बैंकों और दूसरे शेयरधारकों से चर्चा की जाएगी। इसके बाद एयरलाइन का कामकाज देखने के लिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स बन सकती है।
संकट को टालने के लिए कंपनी क्या कदम उठा रही है?
गो फर्स्ट ने अमेरिका में P&W के खिलाफ 8,000 करोड़ रुपये की मुआवजे की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है। अगर कंपनी इस केस को जीत जाती है तो कई देनदारी को चुकाने में सफल हो जाएगी। वहीं कंपनी ने कहा कि वह निवेशक तलाश रही है और कई निवेशकों से बातचीत भी चल रही है। बता दें कि कंपनी को इस समय कामकाज जारी रखने के लिए करीब 1,600 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है।
टिकट के पैसे रिफंड करेगी कंपनी
गो फर्स्ट ने कहा है कि वो फ्लाइट कैंसिल होने के बाद यात्रियों को टिकट का पूरा पैसा रिफंड करेगी। ये रिफंड ओरिजिनल पेमेंट मोड के जरिए किया जाएगा। यानी जिन लोगों ने UPI या नेट बैंकिंग से टिकट बुक किया था, उनका रिफंड अमाउंट सीधा अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। वहीं जिन लोगों ने क्रेडिट कार्ड से टिकट बुक किया था, उनके क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में रिफंड दिखाई देगा।