खारिज हुई निर्भया के दोषी की खुद को नाबालिग बताने की याचिका, वकील पर लगा जुर्माना
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चार में एक दोषी पवन गुप्ता की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। फांसी की सजा पाए पवन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि 2012 में जिस वक्त यह घटना हुई, उस समय वह नाबालिग था। इसलिए उस पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस चले। हाई कोर्ट ने गुरुवार को याचिका खारिज की और पवन के वकील को अदालत का समय बर्बाद करने के लिए फटकार लगाई।
दोषी पवन ने याचिका में क्या कहा?
पवन ने अपनी याचिका में दावा किया कि अपराध के समय वह नाबालिग था। उसने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता करने के लिए हड्डियों की जांच नहीं की। इसलिए उसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत छूट मिले।
सुनवाई के लिए मुकर्रर हुई थी जनवरी की तारीख
गुरुवार सुबह जब याचिका पर सुनवाई शुरू हुई तो पवन के वकील एपी सिंह ने नए कागजात पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। इस पर हाई कोर्ट ने 24 जनवरी, 2020 को सुनवाई के लिए अगली तारीख मुकर्रर कर दी, लेकिन निर्भया की मां ने गुहार लगाई की सुनवाई को टाला न जाएं। इसके बाद कोर्ट ने 24 जनवरी की सुनवाई की तारीख टालकर गुरुवार को ही सुनवाई पूरी की और दोषी की याचिका खारिज कर दी।
दोषी के वकील को लगाई फटकार
हाई कोर्ट ने दोषी की याचिका खारिज करते हुए उसके वकील एपी सिंह को फर्जी दस्तावेज देने और अदालत का समय बर्बाद करने के लिए फटकार भी लगाई। कोर्ट ने दिल्ली बार काउंसिल को वकील से 25,000 रुपये जुर्माना वसूलने और कार्रवाई का आदेश दिया।
अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका भी हो चुकी है रद्द
बुधवार को मामले में दूसरे दोषी अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी थी। अक्षय के वकील सिंह ने मामले की जांच पर सवाल उठाते थे। पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि दोषियों को ट्रायल के दौरान पूरा मौका दिया गया था। जांच में कोई खामी नहीं मिली। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कोई ग्राउंड नहीं है, जिसके आधार पर याचिका को खारिज किया जा सके, दलीलों में भी कुछ नया नहीं है।
राष्ट्रपति के पास लंबित है तीसरे दोषी की दया याचिका
निर्भया के साथ गैंगरेप और हत्याकांड में तीसरे दोषी विनय शर्मा ने फांसी की सजा से बचने के लिए राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है। दिल्ली सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से इस याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है।
क्या था निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?
16-17 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया का अपहरण कर छह लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया और उसे सड़क पर फेंक दिया। इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। इस मामले को अंजाम देने वाले में से एक दोषी नाबालिग था। बाकी पांच को मौत की सजा हुई थी, जिनमें से एक दोषी ने आत्महत्या कर ली। अब चार दोषियों की फांसी पर अंतिम फैसला होना बाकी है।