अयोध्या: राम मंदिर के गर्भगृह में रखी गई रामलला की मूर्ति
क्या है खबर?
अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित 7 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो गए हैं। इसी के तहत आज राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति रख दी गई।
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में विशेष पूजा की गई।
बता दें कि रामलला की मूर्ति का निर्माण कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने किया है।
मूर्ति स्थापना
आज कैसे हुई मूर्ति स्थापना?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (SRJBTK) के अनुसार, अनुष्ठान के तीसरे दिन की पूजा दोपहर 1:20 बजे 'संकल्प' के साथ शुरू हुई। इसके बाद गणेशम्बिका पूजन, 'आयुष्मंत्र' के पाठ सहित मंत्रों का जाप किया गया।
SRJBTK ने बताया कि मूर्ति स्थापना जलाधिवास (पानी से मूर्ति को शुद्ध करना), गंधाधिवास (विभिन्न तत्वों के साथ मूर्ति को छिड़कना) के साथ शुरू हुई, जिसके बाद नई मूर्ति की शाम की आरती होगी।
तकनीकी समस्या के साथ मूर्ति स्थापित करने में थोड़ी देरी हुई।
जानकारी
सिंहासन को 5 तत्वों से किया गया शुद्ध
SRJBTK ने बताया कि सबसे पहले सिंहासन को पंचगव्य से शुद्ध किया गया था, जिसमें 5 तत्व शामिल थे- दूध, घी, गाय का गोबर, गौमूत्र और दही। फिर 'वास्तु शांति' सुनिश्चित करने के लिए 'वास्तु पूजन' किया जाएगा।
स्थापना
बुधवार को मंदिर परिसर में लाई गई थी प्रतिमा
बुधवार को दूसरे दिन के अनुष्ठान के हिस्से के रूप में रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को परिसर में लाया गया था। इसके अत्यधिक भारी होने के कारण रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति के साथ मंदिर के पुजारियों ने परिसर की परिक्रमा की।
परिक्रमा के दौरान मूर्ति को फूल पालकी में रखकर गुलाब और गेंदे की माला पहनाई गई थी। आज मूर्ति को मंदिर के अंदर स्थापित कर दिया गया।
अनुष्ठान
7 दिवसीय अनुष्ठान के तहत कब क्या हुआ और होगा?
16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन अनुष्ठान के बाद सरयू तट पर विष्णु पूजा और गौदान हुआ।
17 जनवरी को रामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में प्रवेश हुआ।
18 जनवरी को मूर्ति स्थापना हुई।
19 जवरी को सुबह औषधिधिवास, केसराधिवास, घृतधिवास और शाम को धान्यधिवास अनुष्ठान होगा।
20 जनवरी को सुबह शर्कराधिवास और फलाधिवास के बाद शाम को पुष्पाधिवास अनुष्ठान होगा।
21 जनवरी को सुबह मध्याधिवास और शाम को शैयाधिवास अनुष्ठान होगा।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी।
वैदिक आचार्य
कौन करा रहा 7 दिवसीय अनुष्ठान?
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय किया है।
वाराणसी के आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित की निगरानी में 121 वैदिक आचार्य अनुष्ठान संपन्न करवा रहे हैं।
अनुष्ठान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 22 जनवरी 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान आरंभ होगा। यह पूजा करीब 40 मिनट तक चलेगी।
23 जनवरी से मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा।
अपडेट
मामले से जुड़े अन्य बड़े अपडेट
आज प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर को समर्पित डाक टिकट लॉन्च किया। इसके डिजाइन में राम मंदिर, चौपाई 'मंगल भवन अमंगल हारी', सूर्य, सरयू नदी और मंदिर और उसके आसपास की मूर्तियां शामिल हैं।
मंदिर ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि आंदोलन के देवराहा बाबा, रामचन्द्र दास परमहंस, महंत अवैद्यनाथ जैसे प्रमुख हस्तियों के पोस्टर लगाए हैं और इस पर स्वागत का संदेश लिखा है।
भारत मौसम विभाग (IMD) ने अयोध्या के मौसम के लिए एक समर्पित पेज बनाया है।