राजस्थान: स्थानीय लोगों को नौकरियों में आरक्षण देने पर विचार कर रही गहलोत सरकार

राज्य के लोगों को राज्य में ही नौकरी मिले और उन्हें प्राइवेट नौकरी की खोज में राज्य से बाहर धक्के नहीं खाने पड़े, इसके लिए राजस्थान सरकार अब नौकरियों में राज्य के लोगों को आरक्षण देने पर विचार कर रही है। देश में अभी तक मध्य प्रदेश और हरियाणा दो ऐसे राज्य हैं जहां स्थानीय लोगों को नौकरी में 75 प्रतिशत का आरक्षण मिलता है। अब राजस्थान भी कुछ ऐसा ही करने की योजना बना रहा है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा, "राज्य में रोजगार में स्थानीय युवाओं को आरक्षण देने की मांग जोर पकड़ रही है, लेकिन यह मांग सुप्रीम कोर्ट की भावना के अनुरूप नहीं हैं।" हालांकि उन्होंने आगे कहा है कि जिस तरह अन्य राज्यों में स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है, उसे देखते हुए राजस्थान सरकार भी इस पर विचार कर रही है।
जयपुर में राजीव गांधी यूथ एक्सीलेंस सेंटर की आधारशिला रखने के मौके पर एक सभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने आश्वासन दिया कि अगर देश में ऐसी स्थिति विकसित होती है जिसमें राज्य सरकारें स्थानीय लोगों को नौकरियों में आरक्षण देती हैं तो राजस्थान सरकार भी स्थानीय लोगों को नौकरियों में आरक्षण देगी। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है और वो इसी सोच के साथ काम कर रहे हैं।
मुख्यमत्री गहलोत ने एक और ऐलान करते हुए कहा कि जिस तरह राज्य सरकार राजस्थान में एक अलग कृषि बजट लेकर आई है, उसी तरह राज्य के युवाओं पर केंद्रित एक और बजट लाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि अभी उनका पूरा ध्यान युवाओं द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर अगले साल युवा केंद्रित बजट पेश करने पर है।
इस मौके पर गहलोत ने युवाओं से कहा, "आप विचार-विमर्श कीजिए, अन्य राज्यों की ऐसी योजनाओं का अध्ययन कीजिए और फीडबैक लीजिए। यदि आप कोई ठोस सुझाव देते हैं तो मैं एक युवा केंद्रित बजट पेश करने की कोशिश करूंगा।" उन्होंने आगे कहा, "युवाओं के अंदर नेतृत्व की क्षमता, अनुशासन, देश के लिए प्रतिबद्धता, संवेदनशीलता और देश को आगे ले जाने का जुनून होना चाहिए। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी इन्हीं गुणों के साथ राजनीति में आना चाहिए।"