उदयपुर हत्याकांड: 31 लाख रुपये का मुआवजा, NIA करेगी मामले की जांच; जानिए बड़ी बातें
राजस्थान के उदयपुर में नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने को लेकर की गई कन्हैयालाल तेली की निर्मम हत्या के बाद पूरे राजस्थान में तनाव का माहौल बना हुआ है। सरकार के 31 लाख रुपये का मुआवजा और दो बच्चों को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन देने के बाद लोग मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार हुए हैं। इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जांच सौंपी है।
मंगलवार को हुई थी टेलर की हत्या
मंगलवार को उदयुपर में कन्हैयालाल टेलर की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान पर आए थे और कैमरे के सामने इस दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया। हमलावरों की पहचान मोहम्मद रियाज अंसारी और गौस मोहम्मद के तौर पर हुई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। सभी राजनीतिक दलों ने इस घटना की निंदा करते हुए आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है।
हत्या के बाद व्यापारियों ने सात घंटे तक किया प्रदर्शन
वारदात के बाद आरोपी शव को छोड़कर मौके से फरार हो गए। इसके बाद घटना को लेकर हाथीपोल, घंटाघर, अश्वनी बाजार, देहली गेट और मालदास स्ट्रीट के व्यापारियों ने बाजार बंद कर विरोध जताया। उन्होंने परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा तक शव नहीं उठाने की बात कही। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने तीन बाइकों को आग भी लगा दी। पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
उदयपुर में कर्फ्यू, पूरे राजस्थान में इंटरनेट सेवा बंद
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया और प्रभावित इलाकों में पुलिस बल तैनात किया है। इसी तरह सरकार ने पूरे राजस्थान में धारा-144 लागू करने के साथ इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया।
मुआवजे और सरकारी नौकरी के आश्वासन के बाद उठाया शव
प्रदर्शनकारियों और परिजनों के शव नहीं उठाने पर जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक (SP) मनोज चौधरी ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह मुआवजे और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के निलंबन की मांग पर अड़े रहे। करीब सात घंटे बाद सरकार के परिजनों को 31 लाख का मुआवजा, मृतक के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन देने तथा लापरवाही बरतने वाले धानमंडी थाने के ASI भंवरलाल को निलंबित करने के बाद परिजन शव उठाने को राजी हुुए।
पोस्टमार्टम में हुई कन्हैयालाल पर 26 वार किए जाने की पुष्टि
शव उठाने के बाद पुलिस ने बुधवार सुबह मेडिकल बोर्ड से कन्हैयालाल का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि आरोपियों ने कन्हैयालाल पर खंजरों से कुल 26 वार किए थे। मृतक के शरीर पर 13 गहरे घाव पाए गए हैं। इनमें से अधिकतर गर्दन के आसपास हैं। आरोपियों ने गर्दन को शरीर से अलग करने की पूरी कोशिश की थी। इस विभत्स घटना ने सभी को झकझौर दिया है।
अंतिम संस्कार स्थल को लेकर भी हुआ विवाद
इधर, सुबह कन्हैयालाल के अंतिम संस्कार को लेकर उनके परिजन और पुलिस के बीच विवाद हो गया। पुलिस का कहना था कि लोगों के विरोध को देखते हुए घर के पास वाले श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाए, लेकिन परिवार और समाज के लोग शहर के सबसे बड़े अशोक नगर श्मशान में अंतिम संस्कार की मांग कर रहे थे। हालांकि, बाद में उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद अशोक नगर श्मशान घाट पर अंत्येष्टी की मंजूरी दी गई।
अंतिम संस्कार में उमड़ी लोगों की भीड़
इधर, बुधवार दोपहर करीब एक बजे कन्हैयालाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसमें शहर सहित जिलेभर से लोगों की भीड़ उमड़ी। अंतिम शव यात्रा के दौरान लोग कन्हैयालाल की मौत का बदला लेने के नारे भी लगाते नजर आए।
कन्हैयालाल की पत्नी ने की आरोपियों को फांसी देने की मांग
इस घटना ने मृतक की पत्नी यशोदा को पूरी तरह तोड़ दिया है। उनका कहना है कि कन्हैयालाल को पिछले 10-15 दिनों से मारने-काटने की धमकियां मिल रही थी। इसके चलते उन्होंने छह दिनों तक दुकान भी नहीं खोली। पुलिस के आश्वासन के बाद उन्होंने दुकान खोली थी और आरोपियों ने धोखे से दुकान में घुसकर अपनी धमकी को सही साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों को फांसी दो, नहीं तो वह कल किसी और को मारेंगे।
NIA करेगी मामले की जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने NIA को मामले की जांच अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए NIA की एक टीम को उदयपुर भी पहुंच चुकी है और उसने स्थानीय पुुलिस घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस घटना में शामिल किसी भी संगठन या अंतरराष्ट्रीय लिंक की विस्तार से जांच की जाएगी। घटना को आतंकी हमला समझकर जांच की जाएगी।
पाकिस्तानी संगठन का नाम आ रहा सामने
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, शुरुआती जांच में सामने आया है कि उदयपुर में हुई जघन्य घटना को अंजाम देने वाले हमलावरों के कराची स्थित सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से लिंक हैं। यह पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से संबंधित हैं। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ से पता चला है कि दोनों आरोपी सुन्नी इस्लाम के सूफी-बरेलवी संप्रदाय से जुड़े हैं और इनके दावत-ए-इस्लामी के साथ करीबी संबंध हैं। यह संगठन पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का समर्थन करता है।