स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति मुर्मू ने किया देश को संबोधित, जानें अहम बातें
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 77वें स्वंतत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। उन्होंने सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पूरा देश बड़े उत्साह के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा, "स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि एक महान जनसमुदाय का हिस्सा हैं, जो विश्व के सबसे बड़े और महान लोकतंत्र में से एक है।"
राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी और अन्य स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को किया याद
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, "15 अगस्त, 1947 के बाद हम सभी समान रूप से इस महान देश के नागरिक हैं। हम सब को समान अवसर और अधिकार उपलब्ध हैं और हमारे कर्तव्य भी समान हैं।" उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी जी और अन्य महानायकों ने स्वाधीनता संग्राम में भारत की आत्मा को फिर से जगाया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया। सभी स्वाधीनता सेनानियों को कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।"
राष्ट्रपति मुर्मू का देश के नाम संबोधन
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण पर दिया जोर
राष्ट्रपति ने कहा, "आज महिलाएं विकास और देश सेवा के हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं और राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही हैं।" उन्होंने कहा, "आज हमारी महिलाओं ने ऐसे अनेक क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बना लिया है, जिनमें कुछ दशकों पहले उनकी भागीदारी की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वह महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दें। हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ जीवन में आगे बढ़ें।"
G-20 को लेकर राष्ट्रपति बोलीं- भारत के पास एक अद्वितीय अवसर
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "भारत पूरी दुनिया में विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। G-20 समूह दुनिया की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए हमारे पास वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का एक अद्वितीय अवसर है।" उन्होंने कहा, "देश ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है। बीते सालों में देश ने प्रभावशाली GDP ग्रोथ भी दर्ज की और इसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था समृद्ध हुई है।"
राष्ट्रपति ने कहा- अंतरिक्ष अभियान में भारत को बहुत आगे जाना है
भारत के मिशन चंद्रयान-3 पर राष्ट्रपति ने कहा, "चंद्रमा का अभियान अंतरिक्ष के हमारे भावी कार्यक्रमों के लिए केवल एक सीढ़ी है। हमें बहुत आगे जाना है। अनुसंधान, नवाचार तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 सालों में 50,000 करोड़ रुपये की राशि से सरकार 'अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन' स्थापित करने जा रही है।" उन्होंने कहा, "यह फाउंडेशन हमारे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों को आधार प्रदान करेगा और उन्हें विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"