तीसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने की कोविड महामारी पर उच्चस्तरीय बैठक
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उच्च-स्तरीय बैठक कर देश में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति की समीक्षा की।
इस वर्चुअल बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और अन्य बड़े अधिकारी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 24 दिसंबर को आखिरी बार महामारी पर बैठक की थी जिसमें उन्होंने अधिकारियों से सतर्क और सावधान रहने को कहा था।
तीसरी लहर
तीसरी लहर का सामना कर रहा है देश
प्रधानमंत्री मोदी ने ये समीक्षा ऐसे समय पर की है जब देश ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तीसरी लहर का सामना कर रहा है।
इस लहर में डेल्टा वेरिएंट के कारण आई दूसरी लहर से भी अधिक तेजी से मामलों में उछाल देखने को मिला है। जहां दिसंबर के आखिरी सप्ताह में देश में 6,000-8,000 मामले आ रहे थे, वहीं आज लगभग 1.60 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
देश में लगभग दो-तीन दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं।
राज्यों की स्थिति
महाराष्ट्र में 41,000 से अधिक हुए दैनिक मामले, तमिलनाडु और बंगाल में 10,000 पार
यूं तो लगभग सभी राज्यों में तीसरी लहर का आगमन हो चुका है, लेकिन पहली और दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए राज्यों और शहरों में मामलों में ज्यादा तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है।
महाराष्ट्र में दैनिक मामलों की संख्या 41,000 के आंकड़े को पार कर गई है, जिनमें से 20,000 से अधिक अकेले मुंबई में आ रहे हैं। तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में भी 10,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
दिल्ली
राजधानी दिल्ली में भी तेजी से बढ़ रहे मामले
देश की राजधानी दिल्ली भी तीसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुई है और यहां दैनिक मामलों की संख्या 21,000 के आंकड़े को पार कर गई है।
इसके जल्द ही 26,000 मामलों के अब तक के सबसे अधिक दैनिक मामलों के रिकॉर्ड को पार करने की आशंका जताई जा रही है।
दिल्ली में मामले कितनी तेजी से बढ़े हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दो हफ्ते पहले यहां दैनिक मामले 300 के आसपास थे।
पाबंदियां
मामलों को नियंत्रित करने के लिए राज्यों में लगाई गईं पाबंदियां
मामलों को काबू में करने के लिए लगभग सभी राज्यों ने किसी न किसी तरह की पाबंदियां भी लगाई हैं।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, वहीं भीड़ वाली जगहों पर भी कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं।
दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं और रेस्टोरेंट्स, बार और होटल आदि को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की इजाजत दी गई है।
राहत
गंभीर मामले और मौतों में इजाफा न होना राहत देने वाला
तीसरी लहर में देश के लिए राहत देने वाली बात ये रही है कि गंभीर मामलों और मौतों में मामलों के अनुपात में उछाल देखने को नहीं मिला है। देश में अभी भी दैनिक मौतों का स्तर वही है जो दो हफ्ते पहले था।
इसके अलावा अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन इनमें ठीक होने वालों का अनुपात डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले अधिक है। अन्य देशों में भी यही स्थिति देखी गई है।