प्रधानमंत्री मोदी ने डीपफेक को बताया सबसे बड़ा खतरा, खुद भी हो चुके हैं शिकार
हाल ही में डीपफेक वीडियो के कई मामले सामने आने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि डीपफेक भारत के सामने सबसे बड़े खतरों में से एक है, जिससे अराजकता पैदा हो सकती है। प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक को लेकर शिक्षित करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने दिल्ली में भाजपा के 'दिवाली मिलन' कार्यक्रम के दौरान ये बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया खुद के डीपफेक वीडिया का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन के दौरान खुद के भी एक डीपफेक वीडियो का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मैंने हाल ही में एक वीडियो देखा, जिसमें मैं गा रहा था। जो लोग मुझे पसंद करते हैं, उन्होंने मुझे ये वीडियो भेजा था।" इस दौरान प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अप्रैल, 2023 में लाए गए सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियमों का पालन करने की अपील की और इनके महत्व पर भी जोर दिया।
और क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?
प्रधानमंत्री ने संबोधन में भारत को 'विकसित भारत' बनाने के संकल्प का भी जिक्र किया और कहा कि ये केवल शब्द नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत हैं। उन्होंने कहा, "'वोकल फॉर लोकल' पहल को जनता का व्यापक समर्थन मिला है। कोरोनावायरस महामारी के बीच भारत की उपलब्धियों ने नागरिकों में यह विश्वास पैदा किया है कि देश की प्रगति जारी रहेगी। अब छठ पूजा एक 'राष्ट्रीय पर्व' के रूप में विकसित हो गई है।"
कई अभिनेत्रियों के डीपफेक वीडिया आए हैं सामने
हाल ही में कई अभिनेत्रियों के डीपफेक वीडियो सामने आने के बाद ये मुद्दा चर्चाओं में है। पिछले दिनों रश्मिका मंदाना और कैटरीना कैफ की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर डीपफेक वीडियो बनाया गया था। कल ही अभिनेत्री काजोल का डीपफेक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला को कैमरे के सामने कपड़े बदलते देखा जा रहा है। हालांकि, कपड़े बदल रही महिला कोई और है, जिस पर डीपफेक के जरिए काजोल का चेहरा लगा दिया गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
AI डीपफेक एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें AI का उपयोग कर वीडियो, तस्वीरों और ऑडियो में छेड़छाड़ की जा सकती है। इसमें AI से नकली या फर्जी कंटेंट तैयार किया जाता है। इसकी मदद से किसी दूसरे की फोटो या वीडियो पर किसी और का चेहरा लगाकर उसे बदला जा सकता है। कह सकते हैं कि इस टेक्नोलॉजी से AI का इस्तेमाल कर फर्जी वीडियो बनाये जा सकते हैं, जो देखने में असली लगते हैं, लेकिन होते फर्जी हैं।