राजस्थान: भाजपा की एकजुटता दिखाने की कोशिश, वसुंधरा राजे ने प्रतिद्वंदी गजेंद्र शेखावत से की मुलाकात
क्या है खबर?
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज जयपुर में भाजपा का 'परिवर्तन संकल्प महासम्मेलन' होने जा रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे।
इस महासम्मेलन की तैयारियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने प्रतिद्वंदी, केंद्रीय मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ कोर कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक की।
इन दोनों प्रतिद्वंदी नेताओं की बैठक के जरिए भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की है।
महा सम्मेलन
4 चरण में शुरू हुई भाजपा की परिवर्तन यात्रा का होगा समापन
राजस्थान विधानसभा चुनाव को देखते हुए 19 से 22 सितंबर के बीच अलवर, जयपुर, कोटा और जोधपुर से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में भाजपा ने 4 चरण की 'परिवर्तन यात्रा' शुरू की थी।
नेताओं ने इस यात्रा में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए माहौल बनाने के लिए सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों का भ्रमण किया था, जिसका महासम्मेलन के रूप में आज जयपुर में समापन होगा।
इससे पहले राजे भाजपा की इन यात्राओं में नदारद दिखी थीं।
नदारद
क्या है राजे और शेखावत की मुलाकात के मायने?
पिछले दिनों वसुंधरा राजे अपने गृहक्षेत्र झालावाड़ और कोटा में भाजपा की परिवर्तन यात्रा में शामिल नहीं हुई थीं, जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा आलाकमान द्वारा अपनी अनदेखी से राजे नाराज हैं।
चुनाव से पहले राजे और शेखावत के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर भी प्रतिद्वंदिता चल रही है।
ऐसे में एक साथ बैठक करके राजे और शेखावत ने जनता को ये संदेश देने की कोशिश की है भाजपा के नेताओं के बीच कोई अंतर्कलह नहीं है।
राजस्थान
राजे और शेखावत के बीच क्यों हैं मतभेद?
राजस्थान में ये चर्चा जोरों पर है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का कोई औपचारिक ऐलान नहीं करेगा, लेकिन भीतरखाने शेखावत मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं।
2018 विधानसभा चुनाव में राजे और शेखावत के बीच मतभेद सामने आए थे। उस वक्त राजस्थान भाजपा प्रमुख के रूप में शेखावत की नियुक्ति का राजे ने ये कहते हुए विरोध किया था कि इससे चुनावों में जाट समुदाय पार्टी से दूर हो जाएगा।
राजनीति
राजे अपनी दावेदारी को छोड़ने के मूड में नहीं
इसी बीच राजे मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी दावेदारी इतनी आसानी से छोड़ने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने हाल में बयान दिया था कि वह राजस्थान छोड़कर कहीं नहीं जाने वाली हैं और प्रदेश की राजनीति में ही बनी रहना चाहती हैं।
इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि पार्टी नेतृत्व राजे का भविष्य केंद्र की राजनीति में सुनिश्चित करना चाहता है, ताकि राजस्थान में बिना बगावत और अंतर्कलह के शेखावत को आगे किया जा सके।
राज
राजे और शेखावत में कौन है मजबूत दावेदार?
कर्नाटक चुनाव से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सबक लिया है। वह राजस्थान में चुनाव से पहले पार्टी नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करना चाहता है।
विश्लेषकों का मानना है कि अभी भी भाजपा के पास राजस्थान में राजे की तरह कद और प्रभाव रखने वाला कोई और दूसरा नेता नहीं है और राजे का प्रभाव प्रदेश के हर हिस्से में है, जबकि शेखावत का उनके मुकाबले हल्के ही नजर आते हैं।