कोटा: बढ़ती आत्महत्याओं से डरे अभिभावक, छात्रों के साथ रहने आए
क्या है खबर?
राजस्थान के कोटा में पिछले 3 हफ्ते के अंदर 6 छात्रों के आत्महत्या करने के बाद अभिभावक काफी डर गए हैं। वे अब अपने बच्चों के साथ ही रहने की योजना बना रहे हैं।
PTI के मुताबिक, घर पर रहने वाली माताएं, दादा-दादी और गृहणियां अपने बच्चों के पास कोटा जाने का विकल्प चुन रही हैं. ताकि छात्र परीक्षा के दौरान तनावग्रस्त न हों और कोई आत्मघाती कदम न उठाएं।
फैसला
क्या बोले अभिभावक?
बिहार की सीतामढ़ी निवासी नीरू देवी 80 साल की हैं। वह अपने पोते के पास रहने कोटा आई हैं। उनका पोता इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि घर में उनका मन शांत नहीं था।
मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली संध्या द्विवेदी कोटा में अपने बेटे के साथ रह रही हैं, जबकि उनके पति घर पर अन्य जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जोखिम नहीं उठा सकती और उन्हें यहां चिंता कम होती है।
डर
चंडीगढ़ की सॉफ्टवेयर इंजीनियर मां ने ली छुट्टी
चंडीगढ़ में सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिवानी जैन NEET की तैयारी कर रही अपनी बेटी के साथ कोटा में रहने आई हैं। उन्होंने अपने काम से छुट्टी ले ली हैं।
शिवानी कहती हैं कि बेटी के परीक्षा में सफल होने तक वह कोटा में रहेंगी।
दूसरी तरफ बिहार के जहानाबाद की कुमारी शिम्पी अपने 2 बच्चों के साथ कोटा में हैं। उन्होंने अपने बच्चों से कह रखा है कि अगर वे सफल नहीं हुए तो वो वापस लौट जाएंगे।
आत्महत्या
कोटा में 8 महीने के अंदर 24 छात्र कर चुके हैं आत्महत्या
कोटा में 3 हफ्ते के अंदर 6 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं, जिनमें अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्र शामिल हैं। 8 महीने में 24 छात्रों ने खुदकुशी की है।
आत्महत्या की घटनाएं सामने आने पर कोटा जिला प्रशासन ने सभी कोचिंग संस्थानों को पत्र जारी कर किसी भी तरह के टेस्ट और परीक्षाओं पर अगले 2 महीने तक रोक लगा दी है। इससे पहले प्रशासन ने रविवार को परीक्षा लेने पर रोक लगाई थी।
जानकारी
यहां से लें सहायता
अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो आप समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 या आसरा NGO के हेल्पलाइन नंबर 91-22-27546669 पर संपर्क करें।