तमिलनाडु: एक और छात्रा ने की आत्महत्या, NEET में फेल होने का था डर
क्या है खबर?
तमिलनाडु में एक और छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। ताजा घटना राज्य के तेनकासी के सुरंदई इलाके की है।
यहां 21 साल की छात्रा ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में फेल होने के डर से अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उसने तीसरी बार ये परीक्षा दी थी और पहले दो प्रयास में वह असफल रही थी। परिजनों के अनुसार, छात्रा को डर था कि वह तीसरी बार भी फेल हो जाएगी, इसलिए उसने ये कदम उठाया।
घटना
खेत पर गए थे माता-पिता, तभी छात्रा ने की आत्महत्या
मृतक छात्रा की पहचान राजलक्ष्मी के तौर पर हुई है। पुलिस के अनुसार, उसने ये कदम तब उठाया जब उसके माता-पिता खेत पर काम के लिए गए हुए थे। जब माता-पिता घर वापस लौटे तो उन्होंने छात्रा को फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया।
छात्रा ने गुरूवार सुबह लगभग 11:30 बजे आत्महत्या की। पोस्टमार्टम के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
बयान
पुलिस को नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
तेनकासी के कलेक्टर पी आकाश ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। उन्होंने कहा, "लड़की ने NEET दिया था और ये उसका तीसरा प्रयास था, लेकिन हम कह नहीं सकते कि उसने आत्महत्या इसी वजह से की है।"
अन्य मामला
16 जुलाई को भी NEET की छात्रा ने की थी आत्महत्या
इससे पहले 16 जुलाई को भी तमिलनाडु में NEET की एक छात्रा ने आत्महत्या की थी। ये घटना अरियालुर में हुई थी।
छात्रा को 17 जुलाई को NEET का पेपर देना था और उसे डर था कि वह फेल हो जाएगी। इसी डर से उसने आत्महत्या की।
छात्रा ने 2020-21 में भी NEET दिया था, लेकिन 529 नंबर लाने के बावजूद उसके चयन नहीं हुआ। इसके कारण उसे लगा कि इस बार भी उसका चयन नहीं होगा।
तमिलनाडु
जुलाई में पांच अन्य छात्रों ने भी की थी आत्महत्या
इससे पहले 13 जुलाई को कल्लाकुरिची जिले में 12वीं की एक छात्रा ने आत्महत्या की थी। 17 वर्षीय छात्रा को उसके स्कूल के हॉस्टल में मृत पाया गया था। उसके परिजनों ने मामले में साजिश की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया।
इसके बाद 25 से 27 जुलाई के बीच पांच छात्रों ने आत्महत्या कीं, जिनमें से चार छात्राएं थीं। इन सभी ने पढ़ाई से संबंधित समस्याओं के कारण ही आत्महत्या की।
छात्रों की आत्महत्या
न्यूजबाइट्स प्लस
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में देश में 13,089 छात्रों ने आत्महत्या की थी। इसका मतलब देश में हर रोज औसतन 35 छात्र आत्महत्या करते हैं।
कोरोना वायरस महामारी, अचानक से बदली परिस्थितियां, पढ़ाई में आ रही चुनौतियों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक कारणों को आत्महत्याओं में बढ़ोतरी की वजह माना गया था।
आत्महत्या करने वाले छात्रों में से 40 प्रतिशत महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के थे।