SCO बैठक: प्रधानमंत्री मोदी को पाकिस्तान ने किया आमंत्रित, जानिए क्या तनाव के बीच जाएंगे इस्लामाबाद
पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के हेड्स ऑफ द गवर्नमेंट काउंसिल (CHG) की बैठक के लिए इस्लामाबाद आमंत्रित किया है। ये बैठक 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होनी है, जिसके लिए संगठन के दूसरे देशों को भी न्योता भेजा गया है। बता दें कि SCO की मेजबानी बारी-बारी से इसके सदस्य देशों द्वारा की जाती है। इस बार बैठक की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है।
क्या इस्लामाबाद जाएंगे प्रधानमंत्री?
अभी तक आधाकारिक तौर पर ये पक्का नहीं है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान जाएंगे या नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बात की उम्मीद बेहद कम है कि PM मोदी इस बैठक के लिए इस्लामाबाद जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमलों को देखते हुए प्रधानमंत्री के न जाने की बात ही कही जा रही है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की जगह कोई मंत्री बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
SCO समिट में विदेश मंत्री ने किया था प्रतिनिधित्व
इस साल जुलाई में कजाकिस्तान में SCO शिखर सम्मेलन हुआ था। इसमें भी प्रधानमंत्री मोदी शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। दरअसल, सम्मेलन के वक्त ही देश में नई सरकार बनने के बाद संसद का पहला सत्र हुआ था। इस वजह से प्रधानमंत्री कजाकिस्तान नहीं जा पाए थे। इससे पहले प्रधानमंत्री सम्मेलन में नियमित रूप से शामिल होते रहे हैं।
SCO बैठक के लिए भारत आए थे पाक विदेश मंत्री
पिछले साल गोवा में SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत आए थे। दरअसल, ऐसा इसलिए संभव हुआ था क्योंकि SCO का चार्टर सदस्य देशों को द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं देता है। आखिरी बार 2015 में किसी भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया था। तब तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं।
क्या है SCO?
SCO एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में एक शिखर सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्य बन गए। 2023 में ईरान भी इसका सदस्य बना। SCO देशों में दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी रहती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इन देशों का योगदान 20 प्रतिशत के आसपास है।