
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित केवी राबिया का 59 साल की उम्र में निधन
क्या है खबर?
केरल के साक्षरता आंदोलन और महिला सशक्तिकरण अभियानों में अहम भूमिका निभाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता केवी रबिया का रविवार को 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने वेल्लिलक्कड़ स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली।
पोलियो और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 14 वर्ष की आयु से व्हीलचेयर पर रहने के बावजूद राबिया ने साक्षरता की दिखा में अथक प्रयास किए थे।
उन्होंने बुनियादी सुविधाओं के साथ अपने गांव की जीवन स्थितियों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रयास
साक्षरता और महिला सशक्तिकरण को समर्पित किया जीवन
शिक्षा के प्रति उनके समर्पण ने ही उन्हें केरल में साक्षरता आंदोलन का राजदूत बना दिया था।
राबिया ने अपने अंतिम वर्ष बिस्तर पर बिताए और उन्हें कोट्टक्कल के अल्मास अस्पताल में उपचारात्मक देखभाल दी गई।
चालनम नाम का उनका संगठन अभी भी इस क्षेत्र में सक्रिय है। इसने महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के लिए 60 मोहल्लों को संगठित किया है। जीवन भर अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बावजूद राबिया अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित रहीं।
सम्मान
राबिया को 2022 में दिया गया था पद्मश्री पुरस्कार
समाज के प्रति राबिया के अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
उन्हें राष्ट्रीय युवा पुरस्कार (1993), कन्नगी स्त्री शक्ति पुरस्कार (1999), UNDP पुरस्कार (2000) और जोसेफ मुंडस्सेरी पुरस्कार (2010) से सम्मानित किया जा चुका है।
समाज के प्रति उनकी असाधारण सेवा के सम्मान में सरकार ने उन्हें साल 2022 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। उनकी प्रेरणादायक कहानी केरल के स्कूली पाठ्यपुस्तकों में छपी है।