डीप कोमा में हैं प्रणब मुखर्जी, अभी हालत में कोई सुधार नहीं- आर्मी अस्पताल
क्या है खबर?
दिल्ली में सेना के रिसर्च एंड रैफरल अस्पताल में पिछले 17 दिनों से जिंदगी और मौत के बीज जूझ रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सेहत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है।
वह अभी भी डीप कोमा में हैं और वेंटीलेटर सपोर्ट पर बने हुए हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम 24 घंटे उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं।
अस्पताल की ओर से बुधवार को जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन में उनकी हालत नाजुक बताई गई है।
बयान
गुर्दों के पैरामीटर में आई गिरावट- अस्पताल
अस्पताल के मेडिकल बुटेलिट में कहा गया है कि 84 वर्षीय मुखर्जी के फेफड़ों के संक्रमण का इलाज जारी है, लेकिन अब उनके गुर्दों के पैरामीटर में भी गिरावट आने लगी है।
मुखर्जी अभी भी डीप कोमा में हैं और वेंटीलेटर सपोर्ट पर चल रहे हैं। उनकी हालत में अभी कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है।
बुलेटिन में बताया गया है कि चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
डाटा
कोरोना संक्रमित पाए गए थे मुखर्जी
बता दें कि मुखर्जी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। उन्होंने ट्विटर पर पिछले एक सप्ताह में उनके संपर्क में आए सभी लोगों से होम क्वारंटाइन में जाने तथा अपना-अपनी जांच कराने की अपील की थी।
सर्जरी
मुखर्जी को सेना अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया था?
भारत के पूर्व राष्ट्रपति को उनके मस्तिष्क में जमे रक्त के थक्कों को हटाने के लिए एक महत्वपूर्ण सर्जरी की जरूरत थी। ऐसे में 10 अगस्त को उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वह कथित तौर पर एक दिन पहले दिल्ली के राजाजी मार्ग स्थित अपने निवास पर गिर गए थे। उसके कारण उनके मस्तिष्क में रक्त के थक्के जम गए थे।
सर्जरी से पहले मुखर्जी के कोरोना वायरस के संक्रमण की भी पुष्टि की गई थी।
जानकारी
भारत के 13वें राष्ट्रपति चुने गए थे मुखर्जी
मुखर्जी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और उन्हें भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। उन्होंने 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। वर्तमान में सभी लोग उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं।
डीप कोमा
क्या होता डीप कोमा?
कोमा के गंभीर रूप को डीप कोमा कहा जाता है। कोमा के मरीज में ठीक होने की पूरी गुंजाइश होती है, लेकिन डीप कोमा में मरीज का दिमाग लंबे समय तक सो जाता है।
इससे दिमाग में खराबी बढ़ने लगती है। वह होश में आने के बाद भी पहले जैसे जिंदगी नहीं जी पाता। सिर्फ कोमा में जाने वाला मरीज ठीक होने पर पहले जैसी जिंदगी जी सकता है। ऐसे में डीप कोमा गंभीर स्थिति है।
जानकारी
मरीज के कोमा में जाने के प्रमुख कारण
कोई इंसान दिमाग में गंभीर चोट लगने पर कोमा में जाता है। चोट किसी दुर्घटना के कारण, दिमाग पर अधिक दबाव, दिमाग में खून के थक्के जमना, ब्रेन सर्जरी, मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी, रक्तस्राव होना, सिर में टॉक्सिक पदार्थ जमने से लग सकती है।