केरल के स्टार्टअप ने बनाया जूम को टक्कर देने वाला प्लेटफॉर्म, जीते एक करोड़ रुपये
क्या है खबर?
लगभग 11 साल पहले केरल के रहने वाले जॉय सबेस्टियन कोच्चि से टेक कंसल्टेंट का काम छोड़कर पथिरापेल्ली गांव में आकर रहने लगे थे।
यहां राज्य सरकार ने इंफो पार्क स्थापित किया था। जॉय अपना पुराना काम छोड़कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म बनाने पर काम शुरू करना चाहते थे।
अब जॉय का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म न सिर्फ बनकर तैयार है बल्कि इसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और एक करोड़ रुपये का ईनाम भी दिला दिया है।
ग्रांड चैलेंज
जॉय की कंपनी का प्रोडक्ट बना चैलेंज का विजेता
गुरुवार को सरकार ने जॉय की कंपनी टेकजेंटसिया के Vconsol को डिजिटल इंडिया ग्रांड चैलेंज का विजेता घोषित किया है।
दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 12 अप्रैल को इस चैलेंज की शुरुआत की थी।
इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को जूम ऐप को टक्कर देने वाला विश्वस्तरीय भारतीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म तैयार करना था।
इसकी विजेता टीम के लिए एक करोड़ रुपये का ईनाम रखा गया था। जॉय की कंपनी ने यह ईनाम हासिल कर लिया है।
ईनाम
टेकजेंटसिया को मिला एक करोड़ रुपये का ईनाम
सरकार ने जानकारी दी कि इस चैलेंज में भाग लेने के लिए उसके पास 1,983 आवेदन आए थे।
इनमें से टेकजेंटसिया का Vconsol विजेता बनकर उभरा है। इसे ईनाम के तौर पर एक करोड़ रुपये मिलेंगे। साथ ही सरकार अगले तीन सालों तक इसके संचालन और प्रबंधन के लिए 10 लाख रुपये अतिरिक्त देगी।
अनुबंध के तहत इसे सरकारी विभागों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसे बनाने में टेंकजेंटसिया को तीन महीने लगे थे।
ग्रांड चैलेंज
प्रोत्साहन के लिए चुने गए ये तीन प्रोडक्ट
इसके साथ ही सरकार ने तीन अन्य आवेदनों का भी चयन किया है। इन्हें 25-25 लाख रुपये दिए जाएंगे ताकि वो अपने प्रोडक्ट को बेहतर कर सकें।
तीन महीने बाद एक तकनीकी समिति इनकी समीक्षा करेगी। अगर ये नियमों पर खरा उतरते हैं तो मंत्रालय इन्हें गवर्नमेट इमार्केटप्लेस (GeM) पर उपलब्ध करा देगा।
ये तीन प्रोडक्ट सार्व वेव कंपनी का जयपुर स्थित कंपनी का सार्व वेव, हैदराबाद स्थित कंपनी का इंस्टा VC और चेन्नई स्थित कंपनी का हाइड्रामीट हैं।
बयान
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कही यह बात
चैलेंज के विजेताओं का ऐलान करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत लंबे समय से ऐप्स डाउनलोड करता आया है। अब समय आ गया है कि डाउनलोड की जाने वाली ऐप्स को अपलोड भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बहुत महत्वपूर्ण हो गई थी। इसलिए सरकार ने सोचा कि क्यों न देश में एक 'मेड इन इंडिया' वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म हो।
मामला
जूम को असुरक्षित बताने के बाद शुरू हुआ था ग्रांड चैलेंज
लॉकडाउन के दौरान जूम ऐप का इस्तेमाल अचानक से बढ़ गया था। कंपनियों से लेकर सरकार तक की बैठकें जूम के जरिये होने लगी थी।
इसी बीच सरकार ने जूम को असुरक्षित बताते हुए इसके आधिकारिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी।
इसके बाद सरकार ने ग्रांड चैलेंज शुरू किया था ताकि भारत में भी एक विश्वस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म बनाया जा सके। इसमें केवल भारतीय स्टार्टअप्स को ही भाग लेने की अनुमति थी।