अयोध्या में मस्जिद का निर्माण मई में होगा शुरू, कहां तक पहुंचीं तैयारियां?
क्या है खबर?
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्धाटन होगा। इस बीच खबर है कि इसी साल अयोध्या शहर से 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में नई मस्जिद का काम भी शुरू हो जाएगा।
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) की विकास समिति के प्रमुख हाजी अरफात शेख ने कहा कि मस्जिद निर्माण रमजान के पवित्र महीने के बाद मई में शुरू होगा और इसे पूरा होने में 3 से 4 साल का समय लगेगा।
रिपोर्ट
मस्जिद निर्माण परियोजना के डिजाइन में हुआ है बदलाव- सचिव
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट्स अनुसार, नई मस्जिद का निर्माण कराने वाला मुस्लिम समुदाय धन की कमी से जूझ रहा है।
ICCF सचिव अतहर हुसैन ने कहा मस्जिद निर्माण परियोजना के डिजाइन में बदलाव किए जाने के कारण देरी हुई है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मस्जिद परिसर में 500 बिस्तर का एक कैंसर का अस्पताल भी बनाया जाएगा और परिसर में अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी होंगी।
मस्जिद
मस्जिद परिसर में क्या-क्या होगा?
ICCF प्रमुख ने कहा कि अयोध्या में नई मस्जिद 15,000 वर्ग फुट के मुकाबले 40,000 वर्ग फुट पर बनाई जाएगी और मस्जिद परिसर में कैंसर हॉस्पिटल के अलावा लॉ कॉलेज, डेंटल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और एक इंटरनेशनल स्कूल भी होगा।
उन्होंने कहा कि यह मस्जिद इस्लाम की 5 मजबूत बुनियादों पर बन रही है और यह पहली मस्जिद होगी, जिसमें 5 मीनारें होंगी और मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी 21 फुट लंबी कुरान भी बनाई जाएगी।
फंड
फंड जुटाने के लिए लॉन्च होगी वेबसाइट- ICCF प्रमुख
शेख ने कहा कि आने वाले हफ्तों में फंड जुटाने के लिए क्राउड-फंडिंग वेबसाइट लॉन्च होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि मस्जिद का नाम पैगंबर मोहम्मद के नाम पर 'मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्ला' पर रखा गया है, जो कि 'बाबरी मस्जिद' के विवादित ढांचे को गिराए जाने के बाद बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास हिंदू-मुस्लिम, दोनों समुदायों के बीच नफरत को खत्म करना और एक-दूसरे के बीच प्यार और भाईचारा बढ़ाना है।
कोर्ट
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें कि 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों ने विवादित बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। इससे देश में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे और हिंसा के दौरान कम से कम 2,000 लोग मारे गए थे।
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि मस्जिद को ढहाना गैरकानूनी था, लेकिन विवादित भूमि पर मंदिर बनाने की अनुमति दे दी।
नई मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ की भूमि दी गई है।