
आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर का क्या है मामला, जिसे अमेरिका से दिल्ली लाएगी CBI?
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) बुधवार रात तक आर्थिक धोखाखड़ी की आरोपी मोनिका कपूर को अमेरिका से दिल्ली ले आएगी। वह पिछले 23 साल से फरार हैं। CBI अधिकारियों ने बताया कि मोनिका 2002 के एक आयात-निर्यात घोटाले की मुख्य आरोपी है, जो कई सालों से अमेरिका में छिपी हैं। न्यूयॉर्क की यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संधि के तहत उसके प्रत्यर्पण को हाल में मंजूरी दी थी।
प्रत्यर्पण
भारत ने 2010 में प्रत्यर्पण का किया था अनुरोध
कोर्ट ने अप्रैल 2010 में मोनिका के खिलाफ गैर-जमानती वारंट और रेड कॉर्नर नोटिस जा करने का आदेश दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2010 में CBI ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत मोनिका के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका से अनुरोध किया था। एक दशक तक चली कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब CBI उसे वापस ला रही है। भारत में मोनिका को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ ट्रायल शुरू होगा।
मामला
क्या है मामला?
मोनिका ने अपने दो भाईयों राजन और राजीव खन्ना के साथ मिलकर 'मोनिका ओवरसीज' नाम की कंपनी बनाई थी। इसके बाद उन्होंने 1998 में जाली शिपिंग बिल, इनवॉइस, बैंकों के फर्जी एक्सपोर्ट बिल, बैंक प्रमाणपत्र के जरिए 2.36 करोड़ रुपये की ड्यूटी फ्री गोल्ड इम्पोर्ट के 6 लाइसेंस बनवाए और अहमदाबाद के व्यापारी को बेच दिए। इससे सरकार को 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। 2004 में तीनों के खिलाफ दिल्ली के साकेत कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल हुआ था।
जानकारी
2004 से फरार हैं मोनिका
दिल्ली में तीनों के खिलाफ IPC की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज है। 2017 में कोर्ट ने राजीव और राजन को दोषी ठहराया था, लेकिन मोनिका न जांच में आई न ट्रायल में। उनको अपराधी घोषित किया गया था।