
दिल्ली कक्षा निर्माण घोटाला: ED को मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मिले ये सबूत
क्या है खबर?
दिल्ली के कथित कक्षा निर्माण घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
खबर है कि मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं। इनमें फर्जी खाते, लेटरहैड और फर्जी बिल शामिल हैं।
बता दें कि इस मामले में सिसादिया आज ही भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) के समक्ष पेश हुए थे।
सबूत
मनमाने ढंग से बढ़ाई कक्षाओं की संख्या-ED
NDTV के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने कहा कि शुरू में केवल 2,405 कक्षाओं की जरूरत थी, लेकिन इसे मनमाने ढंग से पहले 7,180 और फिर 12,748 कमरों तक बढ़ाया गया।
इसके लिए कोई उचित मंजूरी या प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गई। इससे परियोजना के कुछ चरणों में लागत 49.03 प्रतिशत बढ़ गई।
ED अधिकारियों ने कहा कि तलाशी के दौरान एक निजी ठेकेदार के परिसर से दिल्ली सरकार से संबंधित विभागीय फाइलें और PWD अधिकारियों के नाम वाले रबर स्टैम्प मिले।
फर्जी बिल
ED ने 322 पासबुक, फर्जी बिल भी बरामद किए
ED ने 322 बैंक पासबुक भी बरामद की हैं। ED का कहना है कि ये खाते वैध भुगतान की आड़ में सरकारी धन के हेराफेरी के लिए मजदूरों के नाम पर खोले गए थे।
ED ने ठेकेदारों और फर्जी संस्थाओं के फर्जी लेटरहेड भी बरामद किए, जिनका इस्तेमाल फर्जी खरीद बिल बनाने के लिए किया गया था। इनमें से कई संस्थाएं तो केवल कागजों पर ही थीं।
ED ने सरकारी विभागों को पेश किए गए जाली चालान भी जब्त किए।
छापे
ED ने 37 ठिकानों पर मारे थे छापे
ED ने 18 जून को इस मामले में दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में निजी ठेकेदारों के लगभग 37 स्थानों पर छापेमारी की थी। ED ने ये कार्रवाई ACB द्वारा दर्ज की गई FIR के बाद की थी।
इस मामले में एक बार सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ हो चुकी है। वहीं, सिसोदिया को 2 बार समन जारी किए थे, जिसके बाद वे आज पेश हुए।
वहीं, AAP ने मामले को 'विशुद्ध राजनीति' करार दिया है।
आरोप
सिसोदिया और जैन पर क्या आरोप हैं?
कथित घोटाले के वक्त सिसोदिया शिक्षा और वित्त मंत्री थे, जबकि जैन स्वास्थ्य, लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री थे।
आरोप है कि कक्षाओं के निर्माण में उच्च लागत बताकर 2,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।
कक्षाओं को सेमी-परमानेंट स्ट्रक्चर (SPS) के रूप में बनाया गया, लेकिन लागत पक्के निर्माण की दर्शाई गई।
इसके अलावा सलाहकार और आर्किटेक्ट की नियुक्ति भी तय प्रक्रिया के बिना की गई। परियोजना से जुड़े ठेके भी AAP से जुड़े लोगों को दिए गए।
खुलासा
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
2019 में भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि एक कक्षा के निर्माण में 5 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि सरकार ने 25 लाख रुपये खर्च किए।
इसके बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने मामले की जांच की, जिसमें कई और अनियमितताएं निकलकर सामने आईं।
ACB ने इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17-A के तहत अनुमति मिलने के बाद FIR दर्ज की थी।