मणिपुर में घाटी के 5 जिलों में पूर्ण कर्फ्यू, प्रशासन ने ढील को किया समाप्त
क्या है खबर?
मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसे देखते हुए एहतियात के तौर पर मंगलवार शाम से राज्य के सभी 5 घाटी जिलों में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रेशन (COCOMI) और उसकी महिला शाखा के आह्वान के मद्देनजर बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू के घंटों में दी गई ढील को समाप्त कर दिया है।
अधिकारी
इसलिए किया गया कर्फ्यू को समाप्त
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को चुराचांदपुर से कुछ किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में COCOMI संगठन द्वारा सेना की मोर्चाबंदी की गई और बैरिकेड हटाने का आह्वान किया गया।
उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए घाटी के 5 जिलों में कर्फ्यू के घंटों में दी गई ढील को समाप्त कर दिया गया। इससे पहले घाटी के सभी 5 जिलों में रोजाना सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी।
बयान
सरकार ने COCOMI से की अपील
सरकार के प्रवक्ता और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सरकार COCOMI से 6 सितंबर को तोरबुंग के पास फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड पर हमला करने की प्रस्तावित योजना को वापस लेने की अपील करती है।"
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार सभी लोगों से हिंसा रोकने के लिए उठाए गए सुरक्षा उपायों का समर्थन करने का अनुरोध करती है। राज्य में शांति स्थापित करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।"
जानकारी
कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं को दी जाएगी छूट
रंजन ने कहा कि स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल/कॉलेज, नगर पालिका, मीडिया और अदालतों के कामकाज जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों और हवाई यात्रियों को कर्फ्यू के दौरान आवाजाही में छूट दी जाएगी।
चेतावनी
COCOMI ने सरकार को दी चेतावनी
COCOMI के समन्वयक सोमेंद्रो थोकचोम ने कहा कि समिति ने पहले सरकार और संबंधित अधिकारियों से 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि अगर कुछ भी अप्रिय होता है तो राज्य सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि फौगाचाओ इखाई में बैरिकेडिंग के कारण वे तोरबुंग में स्थित अपने घरों में नहीं जा पा रहे हैं, जिन्हें उन्होंने जातीय हिंसा भड़कने के बाद खाली कर दिया था।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 6,000 से ज्यादा FIR दर्ज की गई हैं, हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और 30 लोग महीनों से लापता हैं।
यहां हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों की करीब 140 कंपनियां तैनात हैं।