मणिपुर: कर्फ्यू के बावजूद मैतेई प्रदर्शनकारियों ने निकाला मार्च, रबर बुलेट फायरिंग में कई घायल
मणिपुर में बुधवार को पूर्ण कर्फ्यू के बावजूद हजारों की संख्या में मैतई प्रदर्शनकारियों ने बिष्णुपुर जिले में मार्च निकाला और सुरक्षाबलों द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की। इसके बाद मजबूरन सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और रबर की गोलियां चलानी पड़ीं। इसमें कई लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। मैतई समुदाय के लोगों ने यह प्रदर्शन कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रेशन (COCOMI) के आह्वान पर किया।
मैतई बहुल घाटी में हुआ कर्फ्यू का उल्लंघन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मैतेई समुदाय से जुड़े लोगों की प्रमुख संस्था COCOMI के आह्वान के बाद प्रदर्शनकारी मैतेई बहुल घाटी क्षेत्र में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बाहर आए। COCOMI ने कहा कि वो सरकार की प्रदर्शन न करने की अपील के बावजूद कुकी बहुल चुराचांदपुर जिले तक मार्च करेंगे। इससे पहले सगंठन ने अधिकारियों से 30 अगस्त तक बैरिकेडिंग हटाने का आग्रह करते हुए कहा था कि अब उनके उग्र प्रदर्शन के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।
प्रशासन ने चुराचांदपुर जिले में बढ़ाई सुरक्षा
प्रदर्शनकारियों के मार्च को देखते हुए मैतेई बहुल बिष्णुपुर जिले से 35 किलोमीटर दूर चुराचांदपुर जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इन दोनों जिलों के बीच एक ऐसे क्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाई गई है, जिसे सुरक्षाबल अस्थायी बफर जोन कहते हैं।
पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा?
चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) कार्तिक मल्लाडी ने कहा, "हम दोनों जिलों के बीच के क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था की स्थिति में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकेंगे। यहां राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है।" उन्होंने कहा, "हम पड़ोसी जिलों काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में दूसरी तरफ तैनात सुरक्षाबलों के साथ समन्वय कर रहे हैं ताकि बिष्णुपुर से चुराचांदपुर की सीमा तक पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके।"
घाटी के 5 जिलों में अनिश्चितकाल तक पूर्ण कर्फ्यू लागू
प्रशासन ने बुधवार सुबह COCOMI संगठन द्वारा प्रदर्शन को देखते हुए एहतियान बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व आदि 5 जिलों में अनिश्चितकाल तक पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया था। इसके अलावा घाटी के सभी जिलों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इससे पहले पिछले कुछ हफ्तों से घाटी के 5 जिलों में हर दिन सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जा रही थी।
सरकार की की थी प्रदर्शन न करने की अपील
इससे पहले सरकार ने COCOMI से तोरबुंग के पास फौगाकचाओ इखाई में सेना की बैरिकेडिंग के पास प्रदर्शन की प्रस्तावित योजना को वापस लेने की अपील करते हुए शांति बनाए रखने का अनुरोध किया था। दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि फौगाचाओ इखाई में बैरिकेडिंग के कारण वे तोरबुंग में स्थित अपने घरों में नहीं जा पा रहे हैं, जिन्हें उन्होंने जातीय हिंसा भड़कने के बाद खाली कर दिया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं। यहां मैतेई समुदाय की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है, जिनमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, वहीं नागा और कुकी सहित 40 प्रतिशत आदिवासी पहाड़ी जिलों में बसे हैं।