लक्षद्वीप को कोरोना संक्रमण से मुक्त रखने के लिए प्रशासन ने क्या-क्या कदम उठाए?
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख के नजदीक पहुंच गई है। हर राज्य इस खतरनाक महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है, लेकिन एक केंद्र शासित प्रदेश ऐसा भी है, जहां कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हम लक्षद्वीप की बात कर रहे हैं। यह देश का एकमात्र इलाका है, जहां आजतक एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है। आइये, जानते हैं कि लक्षद्वीप ने कैसे खुद को महामारी से बचाए रखा है।
प्रशासन ने संक्रमण से बचाव के लिए उठाए ये कदम
लक्षद्वीप की आबादी 64,472 है। यहां कोरोना वायरस को लोगों से दूर रखने के लिए प्रशासन ने कुछ कठोर पाबंदियां, लंबा क्वारंटाइन समय और कोरोना जैसे लक्षण दिखने वाले सभी लोगों की टेस्टिंग जैसे कदम उठाए। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुंसधान परिषद (ICMR) के नियमों का पालन करते हुए अभी तक सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित और निमोनिया जैसे लक्षण दिखाने वाले 61 लोगों का टेस्ट किया है।
केरल पर निर्भर है लक्षद्वीप
लक्षद्वीप के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर एस सुंदरावेदिवेलु कहते हैं कि टेस्ट किए गए सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। लक्षद्वीप जरूरी सामान से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक, पूरी तरह से केरल पर निर्भर है। इस द्वीप समूह पर आने वाली सभी उड़ानें और नौकाएं कोच्चि से संचालित होती है। इसलिए महामारी के संक्रमण को फैलने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन ने कोच्चि से आने वाले लोगों पर खास नजर रखी और उनकी चेकिंग की गई।
महामारी की शुुरुआत से हो रही चेकिंग
द प्रिंट के मुताबिक, डॉक्टर सुंदरावेदिवेलु ने कहा कि महामारी के शुरुआत में ही बाहर से आने वाले लोगों की जांच शुरू कर दी गई थी। प्रशासन को यह पता था कि अगर कोरोना वायरस लक्षद्वीप पहुंचता है तो यहां पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं और दबाव बढ़ने पर यह पूरी तरह चरमरा जाएगी। बता दें कि लक्षद्वीप 32 वर्ग किलोमीटर में फैले 36 द्वीप समूहों से मिलकर बना है और यहां एक ही जिला है।
फरवरी की शुरुआत से हो रही है यात्रियों की स्क्रीनिंग
डॉक्टर सुंदरावेदिवेलु ने कहा, "हमने महामारी की शुरुआत से ही यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। पूरे देश में घरेलू यात्रियों की स्क्रीनिंग बहुत बाद में शुरू हुई। हमने कोच्चि एयरपोर्ट पर काफी पहले प्री-बोर्डिंग स्क्रीनिंग भी शुरू कर दी थी।" लक्षद्वीप प्रशासन ने कोच्चि से समुद्री जहाज से आने वाले यात्रियों की प्री- बोर्डिंग स्क्रीनिंग 1 फरवरी और उड़ान के जरिये आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग 9 फरवरी से शुरू की थी।"
आने वाले सभी यात्रियों की हो रही स्क्रीनिंग
लक्षद्वीप के अगाती में एकमात्र हवाई अड्डा है। यहां पहुंचने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग 1 फरवरी से शुरू हुई। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। इसके दो दिन बाद ही लक्षद्वीप ने ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए।
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए बरती जा रही अतिरिक्त सावधानी
उन्होंने बताया कि यहां आने वाले सभी लोगों को प्रशासन के गेस्ट हाउस में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होता है। इसके बाद उनका टेस्ट होता है। अब प्रशासन ने कोच्चि के दो होटल को भी अपने तहत ले लिया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए केरल द्वारा निर्धारित 14 दिनों का क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद लक्षद्वीप आने पर उन्हें 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन रहना होता है ताकि वो दूसरे लोगों के संपर्क में न आएं।
लक्षद्वीप में है तीन सरकारी अस्पताल
लक्षद्वीप में स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो यहां इंदिरा गांधी अस्पताल, राजीव गांधी स्पेशियलटी अस्पताल और एक सरकारी अस्पताल है। इंदिरा गांधी और सरकारी अस्पताल में कुल मिलाकर 70 बेड हैं, जिनमें से 30 कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित किए गए हैं, लेेकिन राहत की बात यह है कि यहां अभी तक एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है। वहीं राजीव गांधी अस्पताल में 100 बेड है। केंद्र सरकार के इस अस्पताल का संचालन एक निजी समूह करता है।
लक्षद्वीप में नहीं है कोई भी निजी अस्पताल
इसके अलावा अंड्रोथ, अमिनि और अगाति, तीन द्वीपों पर तीन 30-30 वाले बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। वहीं कदमथा, कल्पेनी, किल्थान और चेतलेत में 10-10 बेड वाले चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। यहां एक भी निजी अस्पताल नहीं है।
प्रवेश के लिए पड़ती है एंट्री परमिट की जरूरत
कोच्चि में प्री बोर्डिंग स्क्रीनिंग शुरू होने के बाद से अभी तक केवल दो लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जो लक्षद्वीप नहीं आ पाए। इसके अलावा यहां आने पर भी कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं। अगर कोई लक्षद्वीप की यात्रा करना चाहता है तो उसे प्रशासन से एंट्री परमिट लेना होता है। कोरोना से मुक्त लक्षद्वीप प्रशासन ने अब केंद्र सरकार से स्कूल खोलने की अनुमित मांगी है। अनुमति मिलने ही यहां स्कूल खोल दिए जाएंगे।