लॉकडाउन के कारण बिक्री बंद, शराब न मिलने के कारण केरल में बढ़े आत्महत्या के मामले
एक तरफ केरल सरकार राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों से निपटने में लगी है, वहीं दूसरी तरफ उसे उन लोगों की भी चिंता हो रही है जो शराब न मिलने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण यहां शराब के ठेके बंद हैं। इसी बीच पिछले कुछ दिनों में यहां शराब के आदी पांच लोगों ने आत्महत्या कर ली। आइये, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में इजाफा
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शनिवार को मल्लापुरम में शराब के आदी दो लोगों ने आत्महत्या की। इसके अलावा यहां नशा मुक्ति केंद्र और सरकारी मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। केरल में पहले भी कई बार अलग-अलग तरीकों से शराब की बिक्री पर रोक लगी है, लेकिन यह पहली बार है जब राज्य में लॉकडाउन के कारण शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा है।
क्या कहती हैं राज्य की स्वास्थ्य मंत्री?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में केवल कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज होगा, इसलिए नशा मुक्ति और शराब के आदी लोगों के इलाज के परिवार स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इंतजाम किए गए हैं। गंभीर मामलों को जिला या तालुक स्तर पर बने अस्पतालों में रेफर किया जा सकता है। उन्होेंने बताया कि हर जिले में नशे के आदी लोगों लोगों के लिए 20 बेड का इंतजाम किया गया है।
टेलीफोन के जरिये दी रही काउंसिलिंग
राज्य के नशा मुक्ति कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी राजीव ने कहा, "शराब के आदी लोगों के लिए हमने तीन सेंटरों पर टेली-काउंसलिंग सुविधा शुरू की है। सभी नशा मुक्ति केंद्रों में नए लोग भर्ती हुए हैं। शनिवार को हमने 100 ऐसे लोगों की पहचान की जो गंभीर हालात में थे और जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत थी। सरकारी अस्पतालों के अलावा हम सभी जिलों में प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों का भी सहयोग ले रहे हैं।"
क्या कहते हैं काउंसलर?
टेली-काउंसिलिंग सेंटर में तैनात एक काउंसलर ने बताया कि कई लोग शराब न मिलने की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने बताया, "कुछ में आत्महत्या की प्रवृति आ जाती है। इसके अलावा समय पर नशा ने मिलने के के कारण कुछ लोग कांपने लगते हैं, उन्हें पसीना आने लगता है और गला सूख जाता है। जो लोग डिप्रेशन में होते हैं और नशे के आदी हो जाते हैं उन्हें काफी खतरा रहता है।"
महाराष्ट्र के बाद केरल में सबसे ज्यादा मामले
भारत में केरल कोरोना वायरस को मामलों में दूसरे स्थान पर है। 29 मार्च सुबह 10 बजे तक राज्य में 174 लोगों के इस महामारी से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी थी। इनमें से 15 लोग ठीक हो चुके हैं और एक की मौत हुई है। 183 मामलों के साथ केवल महाराष्ट्र ही केरल से आगे है। वहीं देश में अब तक 867 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें से 25 की मौत हो चुकी है।