श्रीलंका से नाव लेकर निकले IS के 15 आतंकी, केरल के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट
श्रीलंका से 15 इस्लामिक स्टेट (IS) आतंकवादियों के नाव पर सवार होकर लक्षद्वीप की ओर रवाना होने की खुफिया खबर के बाद केरल के तटीय इलाकों को हाई अलर्ट जारी किया गया है। 23 मई को श्रीलंका और अन्य खुफिया माध्यमों से इस संबंध में पुख्ता जानकारी मिलने के बाद इलाके में पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। मछुआरों को भी अलर्ट करते हुए किसी भी संदिग्ध गतिविधि से सतर्क रहने को कहा गया है।
सफेद रंग की नाव में निकले आतंकी
खुफिया अलर्ट के अनुसार, IS के ये 15 आतंकी एक सफेद रंग की नाव में सवार होकर श्रीलंका से लक्षद्वीप की ओर निकले हैं, जोकि केरल के कोच्चि तट से 400 किलोमीटर दूर है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसियों की ये सूचना "लिखित और दृश्य" दावों पर आधारित है और इसके पुख्ता होने की उच्च संभावना है। इसके बाद केरल के तटीय पुलिस थानों और तटीय जिला पुलिस प्रमुखों को सतर्क कर दिया गया है।
लक्षद्वीप के आसपास समुद्री जहाजों और खोजी विमानों की तैनाती
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, वैसे तो इस तरह के अलर्ट आम हैं, लेकिन इस बार पुलिस के पास आतंकियों की संख्या को लेकर स्पष्ट जानकारी है। इसी कारण ऐसी किसी भी संदिग्ध नौका के दिखने की स्थिति में तटीय पुलिस थानों और जिला पुलिस प्रमुखों को सतर्क रहने को कहा गया है। लक्षद्वीप व मिनिकॉय द्वीप के आसपास और श्रीलंका सीमा पर समुद्री जहाजों और खोजी विमानों की तैनाती भी की गई है।
केरल में हमला करना चाहता है IS
श्रीलंका में हुए हमले के बाद NIA की जांच में सामने आया था कि IS केरल में हमला करने की साजिश कर रहा है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, केरल के कई युवा अभी भी IS के संपर्क में हैं। इसके बाद केरल को अलर्ट पर रखा गया था। श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर रविवार के दिए हुए 8 सिलसिलेवार बम धमाकों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। IS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
IS ने भारत में प्रांत बनाने का किया था दावा
IS ने मई में भारत में अपना प्रांत बनाने का दावा भी किया था। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में ढेर हुए आतंकी इशफाक अहमद सोफी से अपना संबंध बताते हुए IS ने भारत में 'विलायाह ऑफ हिंद' नामक प्रांत बनाने का दावा किया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसके दावे को खारिज करते हुए कहा था कि सोफी इस्लामिक स्टेट इन जम्मू एंड कश्मीर (ISJK) आतंकी संगठन का अंतिम सदस्य था और उसकी मौत के साथ ही ISJK का सफाया हो गया।