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नेपाल विमान हादसा: मृतक आश्रितों के मुआवजे पर लटकी कटौती की तलवार, जानिए क्या है कारण
नेपाल विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मिलेगा कम मुआवजा

नेपाल विमान हादसा: मृतक आश्रितों के मुआवजे पर लटकी कटौती की तलवार, जानिए क्या है कारण

Jan 21, 2023
03:00 pm

क्या है खबर?

नेपाल में हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाले सभी 72 लोगों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे पर अब कटौती की तलवार लटक गई है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि परिजनों को ज्यादा मुआवजा नहीं मिलेगा और इसके लिए नेपाल सरकार खुद जिम्मेदार है। दरअसल यहां की सरकार ने एयर कैरियर लायबिलिटी एंड इंश्योरेंस विधेयक को मंजूरी ही नहीं दी है। ऐसे में बीमा कंपनी मृतक आश्रितों को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं है।

मसौदा

कब तैयार किया गया था मसौदा विधेयक?

नेपाल सरकार ने 2018 में मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 को स्वीकार किया था। इसमें एयरलाइन कंपनी यात्रियों की मौत और घायल होने की स्थिति में जिम्मेदार मानी जाती है। इसको लेकर सरकार ने 2020 में घरेलू विमान कंपनियों के लिए एयर कैरियर लायबिलिटी एंड इंश्योरेंस विधेयक का मसौदा तैयार किया था। इसमें विमान हादसे में किसी यात्री की मृत्यु या चोट के मामले में दिए जाने वाले मुआवजे में पांच गुना वृद्धि का प्रस्ताव था।

मुआवजा

कितने मुआवजे का किया गया था प्रावधान?

काठमांडू पोस्ट के अनुसार, मसौदा विधयेक में घरेलू एयरलाइंस को किसी यात्री की चोट या मृत्यु के लिए न्यूनतम एक लाख डॉलर (लगभग 82 लाख रुपये) का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया था। हालांकि, इसके लागू न होने के कारण हालिया विमान दुर्घटना में विमान कंपनी यात्रियों की मौत के लिए न्यूनतम 20,000 डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) मुआवजा दे रही है। यह मुआवजा घटना के 60 दिन के भीतर दिया जाना चाहिए।

कारण

क्यों नहीं लागू हुआ मसौदा विधेयक?

नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मांट्रियल कन्वेंशन के प्रावधानों के आधार पर यह मसौदा तैयार किया गया था, लेकिन इसमें कन्वेंशन के सभी प्रावधान शामिल नहीं किए गए हैं। इसका कारण है कि उन्हें व्यावहारिक तौर पर नेपाल में लागू नहीं किया जा सकता है। ऐसे में उसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। यही कारण है कि अब विमान हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को अपेक्षित मुआवजा नहीं मिल सकेगा।

प्रयास

मसौदा विधेयक लागू करने के लिए क्या कर रही है सरकार?

नेपाल के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव बुद्धिसागर लमिछाने ने इस मामले पर कहा, "मसौदा विधेयक तैयार है और हमने इसे कैबिनेट में पेश करने की योजना बनाई है। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद बिल को संसद में पेश किया जाएगा।" इधर, मंत्रालय के अधिकारियों ने विधेयक की धीमी प्रगति के कारणों के रूप में सरकार में लगातार परिवर्तन और नेपाल में राजनीतिक अस्थितरता को बड़ा कारण बताया है।

समय

पीड़ितों को कब तक मिलेगा मुआवजा?

यति एयरलाइंस के विमान का बीमा करने वाली हिमालयन एवरेस्ट इंश्योरेंस कंपनी के अंडरराइटिंग विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक नीरज प्रधान ने कहा कि हादसे के पीड़ितों को मुआवजे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। विदेश में पुनर्बीमा कंपनी द्वारा भेजे गए स्वतंत्र सर्वेक्षकों ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों को मुआवजा मिलने में भले ही ज्यादा वक्त न लगे, लेकिन विमान के दावों को निपटाने में काफी समय लगता है।

पृष्ठभूमि

नेपाल में कैसे हुआ था विमान हादसा?

15 जनवरी की सुबह 11 बजे यती एयरलाइंस का विमान दुर्घटना का शिकार हुआ था। 72 सीटर विमान पोखरा एयरपोर्ट के रनवे पर लैंड करने से महज 10-20 सेकंड पहले क्रैश हो गया था। हादसे से पहले विमान के कॉकपिट से खतरे का कोई संकेत नहीं आया था। रविवार को यह इस विमान की तीसरी उड़ान थी। शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी को हादसे का कारण माना गया है। इसमें पांच भारतीयों सहित सभी यात्रियों की मौत हो गई थी।