केरल: लगभग 5,000 शिक्षकों और स्टाफ ने नहीं लगवाई कोरोना वैक्सीन, कार्रवाई कर सकती है सरकार
केरल में लगभग 5,000 शिक्षकों और स्कूल स्टाफ ने कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगवाई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वी सिवाकुट्टी ने बताया कि इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपनी धार्मिक आस्था के कारण वैक्सीन नहीं लगवाई है। सरकार ने इन लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए थोड़ा और समय दिया है और अगर उन्होंने फिर भी वैक्सीन नहीं लगवाई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने इस संबंध में आंकड़े इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।
बच्चों की सुरक्षा हमारी मुख्य प्राथमिकता- मंत्री
मीडिया से बात करते हुए सिवाकुट्टी ने कहा, "बच्चों की सुरक्षा हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम इन गैर-वैक्सीनेटेड शिक्षकों का बचाव नहीं कर सकते। हम उन्हें थोड़ा और समय देंगे, अन्यथा सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। ये निर्देश दिया गया है कि गैर-वैक्सीनेटेड शिक्षकों को कक्षाएं नहीं लेने दी जाएं। शिक्षक हमारे रोल मॉडल होते हैं और सरकार उन्हें व्यवहार को गंभीर लेती है।" उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षकों ने खराब स्वास्थ्य के कारण वैक्सीन नहीं लगवाई है।
संगठनों ने भी शिक्षकों से की वैक्सीन लगवाने की अपील
कुछ शिक्षक संगठनों ने भी सरकार का समर्थन करते हुए सभी शिक्षकों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है। केरल प्रदेश स्कूल शिक्षक संघ के नेता एम सलाहुद्दीन ने कहा, "सभी शिक्षकों को वैक्सीन लगवानी चाहिए और हम इस संबंध में किसी भी पहल का समर्थन करेंगे।" कई संगठनों ने धार्मिक नेताओं से वैक्सीनेशन के समर्थन में बयान जारी करने का अनुरोध भी किया है, वहीं विशेषज्ञों ने जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया है।
वैक्सीनेशन के प्रति अविश्वास केरल की पुरानी समस्या
बता दें कि वैक्सीनों के प्रति अविश्वास, खासकर मुस्लिम समुदाय में, केरल में नया नहीं है। महामारी से पहले भी केरल सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बच्चों के एडमिशन के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य करने का निर्देश दिया था। उससे पहले 2017 मेे सरकार ने विस्तृत स्वास्थ्य नीति बनाने के लिए एक 17 सदस्यीय पैनल गठित किया था और इस पैनल ने बच्चों के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य करने का सुझाव दिया था।
केरल में क्या है महामारी और वैक्सीनेशन की स्थिति?
अभी तक केरल की कुल 96 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 65 प्रतिशत लोग दोनों खुराक लगवा चुके हैं। मामलों की बात करें तो केरल देश का महामारी से दूसरा सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। यहां अब तक कुल 51,29,359 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 39,679 की मौत हुई है। बीते दिन यहां 4,741 नए मामले सामने आए और 554 मरीजों की मौत हुई।