अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुआ मूर्ति का चयन, जानिए क्या वजह बनी खास
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के लिए मूर्ति का चयन हो गया है। 3 मूर्तिकारों में से कर्नाटक के अरुण योगीराज की मूर्तियों का चयन मंदिर के लिए किया गया है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर दी। उन्होंने मूर्ति की तस्वीर साझा कर कन्नड़ में लिखा, 'जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है। अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति अयोध्या में स्थापित होगी।'
कर्नाटक और राजस्थान के पत्थर निकले मूर्ति के लायक
जोशी ने आगे लिखा, 'यह राम हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए यह एक महत्वपूर्ण सेवा है।' मूर्ति के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने नेपाल की गंडकी नदी समेत, राजस्थान, कर्नाटक और ओडिशा से उच्च गुणवत्ता के 12 पत्थर मंगवाए थे। पत्थरों को परखने पर राजस्थान के मकराना के संगमरमर शिला और कर्नाटक की श्याम शिला मूर्ति बनाने के लायक निकले।
यहां देखें मूर्तियां
मूर्ति बनाने के क्या थे मानक?
विशेषज्ञों के मुताबिक, मकराना के पत्थर कठोर और नक्काशी के लिए बेहतर है। इसकी चमक काफी समय तक रहती है। श्याम शिला जलरोधी है और इस पर नक्काशी अच्छी होती है। मानक के अनुसार मूर्ति की ऊंचाई 52 इंच, राम की भुजाएं घुटनों तक और मस्तक सुंदर, आंख बड़ी और ललाट भव्य होना चाहिए। कमल दल पर मूर्ति खड़ी हो और राम के हाथ में तीर व धनुष हो। मूर्ति में 5 साल के बच्चे की आभा झलके।