कर्नाटक में PFI पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शुरू, केरल हाई कोर्ट भी सख्त
क्या है खबर?
चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) चौतरफा मुसीबतों में घिर गया है और कर्नाटक सरकार ने उस पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
वहीं केरल हाई कोर्ट ने PFI की हड़ताल पर सवाल उठाए हैं और इसे जनवरी, 2019 के अपने उस आदेश का उल्लंघन बताया है जिसमें उसने कहा था कि राज्य में बंद बुलाने से सात दिन पहले नोटिस देना पड़ेगा।
कोर्ट ने सरकार से PFI के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
कार्रवाई
कल गिरफ्तार किए गए थे PFI के 100 से अधिक नेता
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कल 13 राज्यों में PFI और उसकी राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के ठिकानों पर छापा मारते हुए संगठन के 100 से अधिक शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया था।
चरमपंथी ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने, युवाओं को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल करने के लिए कट्टरपंथी बनाने और आतंकी फंडिंग के आरोपों में ये छापे मारे गए थे।
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की गई थी।
हड़ताल
कार्रवाई के खिलाफ PFI की हड़ताल, हिंसा की खबरें
PFI ने अपने नेताओं के खिलाफ इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए आज केरल में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे की हड़ताल बुलाई है।
सुबह हड़ताल के दौरान हिंसा भी देखने को मिली और कई जगह पर पत्थरबाजी जैसे घटनाएं हुईं। इसमें कुछ वाहन टूटे हैं और पुलिसकर्मियों और ड्राइवरों को चोटें आई हैं।
PFI के समर्थकों ने मार्च करते हुए कई जगह पर दुकानें जबरदस्ती भी बंद कराईं।
परिचय
क्या है PFI?
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है और यह खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
यह संगठन पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था।
उस दौरान संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं।
पिछले दिनों देश में हुई कई सांप्रदायिक हिंसाओं में उसका नाम आ चुका है।
आरोप
PFI पर क्या आरोप हैं?
PFI और SDPI शुरू से ही गृह मंत्रालय के फोकस में रही हैं। दोनों संगठनों के खिलाफ खुफिया जानकारी मिली है कि इन्हें पश्चिम एशियाई देशों कतर, कुवैत, तुर्की और सऊदी अरब से अवैध रूप से पैसा मुहैया कराया जा रहा है।
ये संगठन इस पैसे का इस्तेमाल न केवल देश भर में आतंकी गतिविधियों के लिए बल्कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए भी कर रहे हैं। संगठन के मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे इस्लामी संगठन से भी संबंध रहे हैं।
प्रतिबंध
लंबे समय से हो रही है PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग
कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पिछले काफी समय से PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस पर विचार कर रहा है और गुरूवार को भी गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल समेत अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
सत्तारूढ़ भाजपा भी PFI पर हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगा चुकी है।