वक्फ संशोधन विधेयक को JPC की मंजूरी, NDA के 14 संशोधन स्वीकार; विपक्षी संशोधन दरकिनार
क्या है खबर?
बजट सत्र से पहले वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार को विधेयक पर अपनी मंजूरी दे दी है।
समिति ने विधेयक में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के 14 बदलावों को मंजूरी दी है, जबकि विपक्षी सांसदों ने विधेयक में 44 संशोधन को प्रस्तावित किए थे, जिनमें सभी को खारिज कर दिया गया।
समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने की थी। समिति की बैठक में पिछले दिनों काफी विवाद सामने आए थे।
बदलाव
समिति के सामने कुल 66 बदलाव रखे गए थे
पाल की अगुवाई वाली समिति के समक्ष कुल 66 बदलावों के प्रस्ताव रखे गए थे। इनमें 23 सत्तारूढ़ भाजपा के सांसदों ने और 44 विपक्षी सांसदों ने रखे थे।
JPC में भाजपा और NDA के कुल 16 सांसद हैं, जबकि विपक्ष के कुल 10 सांसद हैं। इनके बीच संशोधनों के खंड-दर-दर मतदान में सत्ता पक्ष के 16 सांसदों ने संशोधनों के पक्ष में मतदान किया।
विपक्षी 44 संशोधनों पर 10 सांसदों का समर्थन मिला, जबकि 16 का समर्थन नहीं मिला।
संशोधन
31 जनवरी तक पेश होगा विधेयक
समिति की ओर से जिन 14 बदलावों को प्रस्तावित किया गया है, उन पर 29 जनवरी को फिर राय ली जाएगी और संभवत: 31 जनवरी तक रिपोर्ट पेश होगी।
पिछले साल अगस्त में गठित JPC को 29 नवंबर 2024 तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था, लेकिन बाद में समय-सीमा को 13 फरवरी तक बढ़ा दिया गया।
बजट सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से 13 फरवरी तक और दूसरा हिस्सा 10 मार्च से 4 अप्रैल तक होगा।
निलंबन
10 विपक्षी सांसद हो चुके हैं निलंबित
वक्फ विधेयक के संशोधनों का अध्ययन करने के लिए गठित समिति ने अब तक 36 से अधिक बैठकें की हैं, जिनमें अधिकतर हंगामें की भेंट चढ़ गई।
विपक्षी सांसदों ने समिति के अध्यक्ष पर सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति पक्षपात का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
उन्होंने पिछले सप्ताह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर अपनी चिंताएं भी व्यक्त की।
समिति से 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित भी किया गया था, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी और कल्याण बनर्जी भी शामिल थे।
आलोचना
विपक्ष ने आलोचना की, पाल ने आरोपों को नकारा
विपक्ष के सांसदों ने समिति की बैठक की कार्यवाही की आलोचना करते हुए अध्यक्ष पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भ्रष्ट करने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि विपक्ष की बात नहीं सुनी गई और पाल ने तानाशाही से काम किया है, यह पूरी तरह हास्यास्पद है।
वहीं पाल ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत निर्णय लिए गए हैं और बहुमत ही सर्वोपरि था।
बदलाव
विधेयक में कई बदलावों का प्रस्ताव, जिस पर सबसे अधिक विवाद
विधेयक में वक्फ बोर्डों के प्रशासन के तरीके में कई बदलाव का प्रस्ताव है, जिसमें गैर-मुस्लिम और कम से कम 2 महिलाओं को शामिल करने की बात है।
केंद्रीय वक्फ परिषद में (संशोधन पारित हुए तो) एक केंद्रीय मंत्री, 3 सांसद, 2 पूर्व न्यायाधीश, 4 मशहूर लोग, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे, जिनमें किसी का इस्लामी धर्म से होना आवश्यक नहीं।
नए मियम में वक्फ काउंसिल भूमि पर दावा नहीं कर सकती और दान की सीमा तय की गई है।
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने क्या कहा?
#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, its Chairman BJP MP Jagdambika Pal says, "...44 amendments were discussed. After detailed discussions over the course of 6 months, we sought amendments from all members. This was our final meeting... So, 14… pic.twitter.com/LEcFXr8ENP
— ANI (@ANI) January 27, 2025