जयपुर LPG विस्फोट: टैंकर चालक ने 14 लोगों की मौतों के बीच कैसे बचाई अपनी जान?
राजस्थान की राजधानी जयपुर में गत शुक्रवार (20 दिसंबर) अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर LPG टैंकर विस्फोट हादसे ने 14 लोगों की जान ले ली, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए। इस भयावह घटना में उस LPG टैंकर का चालक सुरक्षित बच गया है और पुलिस के सामने पेश हो गया है। बड़ा सवाल है कि इस भयानक घटना के बाद भी वह कैसे सुरक्षित बच गया। इस संबंध में अब गठित विशेष जांच टीम (SIT) उससे पूछताछ करेगा।
टैंकर चालक ने कैसे बचाई खुद की जान?
टैंकर चालक की पहचान उत्तर प्रदेश के मथुरा निवासी जयवीर (40) के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि ट्रक की टक्कर लगने के बाद जब उसे लगा कि टैंकर का नोजल लीक हो गया है, तो वह उसमें आग लगने से पहले उसे छोड़कर भाग निकला था। उसने बताया कि उसे टैंकर में आग लगने का अंदेशा हो गया था। ऐसे में वह LPG गैस के रिसाव से विपरीत दिशा की ओर भागा था।
DCP ने क्या दिया बयान?
जयपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (DCP) अमित कुमार ने PTI से कहा, "हम टैंकर चालक को तत्काल दोषी नहीं ठहरा सकते हैं, क्योंकि कंटेनर ट्रक चालक ने उसके वाहन को टक्कर मारी थी। उसने देखा कि टैंकर के नोजल टूट गए थे और उसे लगा कि विस्फोट हो सकता है, क्योंकि अन्य चालक अपने वाहनों का इग्निशन चालू कर रहे थे। इसलिए वह अपनी जान बचाने के लिए टैंकर को छोड़कर भाग निकला था।"
हादसे में हुई ट्रक चालक की मौत
DCP ने बताया कि हादसे में LPG टैंकर को टक्कर मारने वाले ट्रक चालक की विस्फोट में मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जयवीर उन 9 वाहन चालकों में शामिल था, जो दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे और टैंकर में विस्फोट होने से पहले ही वहां से निकलकर अपनी जान बचाने में सफल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस हादसे में घायल हुए 80 लोगों से 23 का अभी भी सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उपचार चल रहा है।
कैसे हुआ था हादसा?
20 दिसंबर को तड़के 5:30 बजे अजमेर रोड पर भांकरोटा में पेट्रोल पंप के बाहर एक ट्रक ने LPG टैंकर को टक्कर मार दी थी। इससे टैंकर से गैस का रिसाव हुआ और फिर धमाके के साथ आग लग गई। इस दौरान पास खड़ी करीब 40 गाड़ियां, जिसमें ट्रक, कार, बस भी धमाके की चपेट में आ गए और दूर तक आग की लपटें दिखीं। हादसे में कई लोग जिंदा जल गए, जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
सरकार और तेल कंपनी ने किया मुआवजे का ऐलान
इस हादसे में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने मुआवजे का ऐलान किया है। केंद्र मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000-50,000 रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसी तरह राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 1-1 लाख रुपये देने की घोषणा की है। इसके अलावा, BPCL ने मृतकों को 6-6 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान किया है।
मानवाधिकार आयोग ने भेजा राज्य सरकार को नोटिस
इस मामले में अब राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग ने स्वप्रेरित संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस थमाया है। मुख्य सचिव, जिला कलेक्टर, परिवहन आयुक्त और NHAI सहित अलग-अलग विभागों के प्रमुखों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है। आयोग ने इस हादसे को लेकर अब तक हुई जांच में सामने आए कारणों के साथ अग्निकांड के शिकार लोगों को दिए जाने वाले मुआवजे के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।