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अपना प्रोपगैंडा फैलाने के लिए दिल्ली हिंसा की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है इस्लामिक स्टेट

अपना प्रोपगैंडा फैलाने के लिए दिल्ली हिंसा की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है इस्लामिक स्टेट

Feb 28, 2020
06:23 pm

क्या है खबर?

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) अपना प्रोपगैंडा फैलाने के लिए उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों की एक तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है। वैश्विक आतंकी संगठनों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने वाली अमेरिकी संस्था 'SITE इंटेलीजेंस ग्रुप' के अनुसार, मुस्लिम युवक पर हमला करती एक भीड़ की तस्वीर IS के सोशल मीडिया समूहों पर घूम रही है और इसका इस्तेमाल मुस्लिमों को उसके साथ जुड़ने की "अपील" करने के लिए किया जा रहा है।

तस्वीर

चांद बाग के मोहम्मद जुबैर की है तस्वीर

IS जिस तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है उसे अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी 'रॉयटर्स' के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दिकी ने लिया है और ये उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए दंगों की सबसे विचलित करने वाली तस्वीर है। चांद बाग की इस तस्वीर में दंगाइयों को बेबस जमीन पर पड़े मोहम्मद जुबैर पर लाठी और डंडे बरसाते हुए देखा जा सकता है और उनके सफेद कपड़े खून से लाल हो चुके हैं। हमले में जुबैर की जान बच गई।

गलत इस्तेमाल

भारतीय उपमहाद्वीप का IS समूह कर रहा तस्वीर का इस्तेमाल

SITE के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में काम करने वाला IS का एक समूह जुबैर की इस तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है। IS ने इस तस्वीर को एक पोस्टर में तब्दील कर दिया है और इसका इस्तेमाल करके मुस्लिमों को एकजुट होने और उसके साथ जुड़ने का आह्वान कर रहा है। वो लोगों को 'विलायत अल-हिंद' में जवाबी हिंसा करने के लिए भड़काने की कोशिश कर रहा है। IS भारत को 'विलायत अल-हिंद' बोलता है।

प्रोपगैंडा का तरीका

पहले भी ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल करता रहा है IS

ये पहली बार नहीं है जब IS भारत में अपनी जड़ें जमाने के लिए ऐसी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल कर रहा है। IS और आतंकी संगठन अक्सर दंगों की तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए करते रहते हैं। हालांकि, भारतीय मुस्लिमों ने उसके इन सभी प्रयासों को खारिज किया है और ये आतंकी संगठन भारत में अपनी जड़े जमाने में पूरी तरह से नाकाम रहा है।

दिल्ली दंगा

दंगों में अब तक 42 लोगों की मौत

गौरतलब कि उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में तीन दिन चले दंगों में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक घायल हुए हैं। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल हैं। दोनों ही समुदाय इस हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मामले में 50 से अधिक FIR दर्ज की गई हैं और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।