सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, कश्मीर के मोस्ट वांटेड आतंकवादी को मारा गिराया
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है।
पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के बेगपोरा में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नायकू उर्फ जुबैर उल इस्लाम को ढेर कर दिया है।
32 साल का रियाज दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा के पंजगाम के नाइकू गांव का रहने वाला था। वह A++ कैटेगरी का आतंकी था और उस पर 12 लाख का ईनाम था।
आतंकी रियाज, देश में हुए कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है।
सूचना
सुरक्षाबलों ने सूचना पर दिया कार्रवाई को अंजाम
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि मंगलवार रात को बेगपोरा में हिजबुल के एक शीर्ष आतंकवादी के छिपे होने की सूचना मिली थी।
इसके बाद सेना और CRPF संयुक्त टीम ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया।
बुधवार सुबह मुठभेड़ शुरू हुई और कुछ घंटों के बाद सुरक्षाबलों ने रियाज नायकू को ढेर कर दिया।
नाइकू की तलाश सुरक्षाबलों को लंबे समय से थी। नाइकू के खात्मे से घाटी में सक्रिय आतंकवाद के नेटवर्क को बड़ा झटका लगेगा।
हत्या
20 से अधिक लोगों की हत्या का जिम्मेदार था नायकू
पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि नायकू को घाटी में खूंखार आतंकवादी माना जाता था। इसके सिर पर 12 लाख का इनाम था।
इसे चार पुलिसकर्मियों सहित 20 लोगों की हत्या का जिम्मेदार बताया जाता है।
जुलाई 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद नाइकू का नाम कमांडर के रूप में तेजी से उभरा था।
बुरहान के मारे जाने के बाद आतंकियों के जनाजे में जुलूस निकालने की योजना भी नायकू ने ही तैयार की थी।
कमान
नायकू ने 2016 में संभाली थी हिजबुल की कमान
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकी नायकू ने 8 जुलाई, 2016 को अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में पोस्टर बॉय और कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर के रूप में कमान संभाली थी।
वह साल 2012 में सबसे पहले लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था, लेकिन बाद में हिजबुल में आ गया था। इसके बाद नायकू ने करीब एक दर्जन युवाओं को संगठन में शामिल कराया था।
चकमा
सुरक्षाबलों को कई बार चकमा देकर फरार हो चुका था नायकू
नायकू का नेटवर्क इतना तेज था कि वह कई बार सुरक्षाबलों को चकमा देकर फरार हो गया था। दो साल पहले भी सुरक्षाबलों ने नायकू को फंसाने की काफी पुख्ता योजना बनाई थी।
सुरक्षाबलों ने नायकू द्वारा अपनी प्रेमिका को किए गए फोन को टेप कर उसकी लोकेशन का पता लगा लिया था, लेकिन नायकू को इसकी जानकारी लग गई।
जवानों ने नायकू की लोकेशन वाली जगह की घेराबंदी भी कर ली थी, लेकिन वह फरार हो गया था।
जानकारी
सेना के अधिकारी को आत्मसमर्पण का विश्वास दिलाकर दिया था धोखा
नायकू ने साल 2018 में सेना की सख्ती के बाद सेना के एक अधिकारी को आत्मसमर्पण करने का भरोसा दिलाया था। उसके बाद उसके एनकाउंटर करने की योजना को टाल दिया था, लेकिन वह अधिकारी को धोखा देते हुए फरार हो गया था।
बदला
सेना हंदवाड़ा में शहीद हुए जवानों की शहादत का लिया बदला
नायकू को मौत की नींद सुलाकर सेना के जवानों ने गत दिनों हंदवाड़ा में आतंकियों द्वारा अंजाम दिए गए आतंकी हमलों में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद और पांच जवानों की शहादत का बदला ले लिया है।
इस मुठभेड़ में शहीद होने वालों में सेना के दो जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक कमांडो भी शामिल था।
इन हमलों में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था और अन्य आतंकियों की तलाश शुरू की थी।