पॉलीकैब इंडिया से जुड़े 50 ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा, जानें मामला
पॉलीकैब के खिलाफ आयकर विभाग (IT) ने बड़ी कार्रवाई की है। आज शुक्रवार को आयकर विभाग ने देशभर में पॉलीकैब इंडिया के 50 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा। कंपनी से जुड़े शीर्ष प्रबंधन के घरों और कार्यालयों पर भी छापेमारी की जा रही है। बता दें कि पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड देश की सबसे बड़ी तार और केबल निर्माता कंपनी है और वर्तमान में उसका बाजार पूंजीकरण 75,000 करोड़ से अधिक है।
किन जगहों पर पड़ा छापा और क्या आरोप?
अधिकारियों के अनुसार, मुंबई, पुणे, दिल्ली, बेंगुलुरु, चेन्नई, बड़ौदा (गुजरात), सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) और कोलकाता के दफ्तरों में यह छापेमारी की जा रही है। कंपनी के गोदाम और विनिर्माण सुविधाओं में भी छापेमारी की गई। फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि पॉलीकैब ने कम मुनाफा दिखाने के लिए अपनी विनिर्माण सुविधाओं पर खर्च बढ़ाकर दिखाए और कर देनदारियां कम करने के लिए राजस्व को गलत तरीके से पेश किया।
2009 में भी कंपनी पर पड़ा था छापा
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उत्पाद शुल्क और कर चोरी के मामले में 2009 में भी पॉलीकैब के देशभर में स्थित ठिकानों पर छापा पड़ा था। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, कंपनी की वार्षिक बिक्री 2,800 करोड़ रुपये से अधिक थी, जिसमें से IT ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता लगाया था। इस दौरान कंपनी के परिसर से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए थे।
छापेमारी के बाद पॉलीकैब इंडिया के शेयरों में गिरावट आई
आयकर विभाग की छापेमारी के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है। बिजनस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्रवाई के बाद पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड के शेयरों में शुरुआती कारोबार में में 3 प्रतिशत की गिरावट आई। BSE पर इसके शेयर 3 प्रतिशत से फिसलकर 5,450 रुपये पर आ गए हैं। पिछले सत्र में शेयर 5,620.60 रुपये पर बंद हुए थे। इससे कंपनी का मार्केट कैप शुक्रवार को गिरकर 82,932 करोड़ रुपये हो गया।
3 साल में लगभग 4 गुना बढ़े कंपनी के शेयर
पूरे भारत में पॉलीकैब इंडिया के 15 से अधिक दफ्तर हैं और 25 से अधिक गोदाम हैं। इसका शेयर एक साल में 109 प्रतिशत बढ़ा है और 2023 में अब तक ये 113 प्रतिशत बढ़ा है। 3 साल की अवधि में कंपनी के शेयरों में 449.31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों को बड़ा लाभ मिला है। 11 दिसंबर को पॉलीकैब का बाजार पूंजीकरण 85,000 करोड़ रुपये के करीब था और यह हैवेल्स इंडिया से अधिक था।