टाटा ने सूरत में खोली तीसरी वाहन स्क्रैपिंग फैक्ट्री, जानिए क्या मिलेगी सुविधा
क्या है खबर?
टाटा मोटर्स ने गुजरात के सूरत शहर में अपनी तीसरी पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग फैक्ट्री (RVSF) की शुरुआत की है। यहां इसके संचालन के लिए कंपनी ने श्री अंबिका ऑटो के साथ साझेदारी की है।
इस फैक्ट्री में विभिन्न कंपनियों के यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की स्क्रैपिंग की जाएगी, जिनका जीवन चक्र पूरा हो गया है।
इससे पहले कंपनी ने इसी साल मार्च में राजस्थान के जयपुर में पहली और इसके बाद ओडिशा के भुवनेश्वर में दूसरी फैक्ट्री शुरू की थी।
फैक्ट्री की क्षमता
हर साल 15,000 वाहनों की हो सकेगी स्क्रैपिंग
टाटा मोटर्स ने बताया कि इस अत्याधुनिक फैक्ट्री का नाम 'रिसाइकल विद रिस्पेक्ट' (Re.Wi.Re) रखा गया है और इसकी प्रति वर्ष की 15,000 वाहनों की स्क्रैपिंग की क्षमता है।
यह सुविधा वाणिज्यिक और यात्री वाहनों के लिए सेल-प्रकार और लाइन-प्रकार के निस्तारण प्रक्रियाओं के साथ डिजिटलीकरण और दक्षता बढ़ाने में मददगार होगी।
इसके अलावा टायर, बैटरी, फ्यूल, ऑयल, तरल पदार्थ और गैस सहित विभिन्न वाहन कंपोनेंट को नष्ट करने के लिए फैक्ट्री में विशेष स्टेशन बनाए गए हैं।
स्क्रैपिंग पॉलिसी
क्या है वाहन स्क्रैपेज नीति?
देश में वाहन स्क्रैपेज नीति को मार्च, 2021 में पेश किया गया था। इसके अनुसार, 15 वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों और 20 वर्ष से अधिक पुराने यात्री वाहनों को स्क्रैप कराना जरूरी है।
मानदंडों को पूरा करने वाले वाहनों को ब्रेक गुणवत्ता और इंजन प्रदर्शन जैसे महत्वपूर्ण कारकों का मूल्यांकन करते हुए फिटनेस और उत्सर्जन टेस्ट से गुजरना पड़ता है।
अगर वे इन टेस्ट में विफल हो जाते हैं तो उन्हें सड़क के लिए अनुपयुक्त माना जाता है।