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    #NewsBytesExplainer: राजस्थान में खदान हादसा, जानें जमीन के नीचे से कैसे निकाला जाता है तांबा
    राजस्थान के झुंझुनू जिले में तांबा खदान में हादसा होने से एक अधिकारी की मौत हो गई है

    #NewsBytesExplainer: राजस्थान में खदान हादसा, जानें जमीन के नीचे से कैसे निकाला जाता है तांबा

    लेखन आबिद खान
    May 15, 2024
    04:11 pm

    क्या है खबर?

    राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेतड़ी कोलियान में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) की खदान में बड़ा हादसा हो गया।

    यहां लिफ्ट की रस्सी टूटने की वजह से 14 लोग फंस गए थे, जिनमें से 13 लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। हालांकि, इस हादसे में मुख्य सतर्कता अधिकारी उपेंद्र पांडे की मौत हो गई है।

    आइए जानते हैं कि खदानों से तांबा कैसे निकाला जाता है।

    राजस्थान

    राजस्थान में कैसे हुआ हादसा?

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खदान में करीब 1,800 फीट की गहराई में जाते हुए अचानक लिफ्ट की रस्सी टूट गई थी, जिसकी वजह से लिफ्ट नीचे गिर गई और उसमें मौजूद 14 लोग फंस गए।

    बताया जा रहा है कि यह हादसा लिफ्ट के पुराने होने की वजह से हुआ है। गिरने के बाद लिफ्ट जमीन से 1,875 फीट नीचे फंस गई थी। फिलहाल 3 घायलों को गंभीर हालत में जयपुर के अस्पतालों में भर्ती किया गया है।

    खदानें

    खेतड़ी में हैं तांबे की 300 से ज्यादा खदानें

    झुंझूनूं के खेतड़ी में 300 से अधिक तांबे की खदानें हैं, जो 325 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। देश का 50 प्रतिशत तांबा यहीं से निकाला जाता है।

    यहां खनन का काम भारत सरकार का उपक्रम HCL करता है। इन खदानों में समुद्र तल से 102 मीटर की गहराई पर तांबा निकाला जाता है।

    ये खदानों देश की सबसे बड़ी और गहरी भूमिगत खदानें हैं, जहां से सबसे उच्च गुणवत्ता का तांबा निकाला जाता है।

    तांबा

    खदानों से कैसे निकाला जाता है तांबा?

    ये खदानों पूरी तरह से भूमिगत हैं। यहां तांबे को लाने के लिए पटरियां बिछी हुई हैं।

    खनन वाली जगह से क्रेशर पॉइंट तक ट्रॉली से पत्थरों को लाया जाता है। इसके बाद क्रेशर में पत्थरों के टकड़े किए जाते हैं और फिर कच्चे माल को बाहर भेजा जाता है।

    यहां 24 घंटे खनन का काम चलता है। अलग-अलग शिफ्ट में हर समय 50 से 60 मजदूर यहां काम करते हैं।

    मजदूर

    मजदूर खदान से कैसे निकालते हैं तांबा?

    तांबे को जमीन की गहराई से निकालने के लिए माइनर्स की मदद ली जाती है, जो खनिज भंडार तक पहुंचने के लिए खुदाई करते हैं। यह काम बहुत ही जोखिम से भरा होता है। ऐसा ही काम दूसरी जगहों पर रैट होल माइनर्स अवैध रूप से करते हैं।

    बता दें कि खदानों से अयस्क प्राप्त होता है, जिसे कई तरह के रासायनिक प्रक्रियाओं के जरिए शुद्ध कर तांबा प्राप्त किया जाता है।

    खदान

    खदान के भीतर कैसे घुसते हैं मजदूर?

    NDTV से बात करते हुए स्थानीय लोगों ने बताया, "खदान की गहराई बहुत ज्यादा है। लिफ्ट यहां 3 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से नीचे जाती है। लिफ्ट के अलावा अंदर जाने का कोई और विकल्प नहीं है। यह लिफ्ट लोहे के रस्सों पर चलती है। भीतर आने-जाने के लिए अलग-अलग 2 लिफ्ट हैं। बिना मेडिकल जांच के किसी भी मजदूर को खदान के भीतर जाने की अनुमति नहीं है। आते-जाते समय मजदूरों को हाजिरी लगाना जरूरी होता है।"

    श्रमता

    खदान से कितना तांबा निकलता है?

    इस खदान में पिछले 50 सालों से तांबा निकाला जा रहा है। हर साल 11 लाख टन अयस्क यहां से निकाला जाता है, जिसमें से 11,000 टन शुद्ध तांबा निकाला जाता है।

    वर्तमान में हर महीने यहां से लगभग एक लाख टन अयस्क का उत्पादन हो रहा है, जिसे बढ़ा कर हर माह 2.5 लाख टन करने की योजना है। इस खदान में फिलहाल इतना तांबा मौजूद है कि अगले 75 सालों तक खनन किया जा सकता है।

    प्लस

    न्यूजबाइट्स प्लस

    तांबा दुनिया में तीसरी सबसे अधिक उपयोग होने वाली धातु है। पहले स्थान पर लौहा और दूसरे स्थान पर एल्यूमिनियम है।

    प्रकृति में तांबा सल्फर के साथ पाया जाता है, जिसे बाद में शुद्ध किया जाता है।

    चिली दुनिया का सबसे बड़ा तांबा उत्पादक देश है। दुनिया के कुल तांबे उत्पादन का एक-तिहाई हिस्सा चिली से आता है। इसके बाद पेरू है, जहां से कुल तांबे उत्पादन का 10 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है।

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