राजस्थान: कल से शुरू हो रही बोर्ड परीक्षाएं, परीक्षार्थियों को करना होगा इन निर्देशों का पालन
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की ओर से 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कल (29 फरवरी) से आयोजित की जाएंगी। परीक्षाएं 4 अप्रैल तक चलेंगी। वहीं, 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं 7 मार्च से शुरू होंगी और 30 मार्च को समाप्त हो जाएंगी। 12वीं की परीक्षाओं की शुुरआत मनोविज्ञान के पेपर से होगी, इसके बाद 2 मार्च को लोक प्रशासन की परीक्षा है। बोर्ड की ओर से परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए अहम दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
इतने परीक्षार्थी होंगे शामिल, हर केंद्र का होगा सतत निरीक्षण
इस साल बोर्ड परीक्षाओं में कुल 19.39 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें से 12वीं में 8.66 लाख से ज्यादा और 10वीं में 10.62 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पंजीकृत हैं। 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए राज्य भर में करीब 6,144 केंद्र बनाए गए हैं। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों का सतत निरीक्षण किया जाएगा। बोर्ड स्तर पर उड़नदस्ता दल गठित किया गया है, जो केंद्रों का औचक निरीक्षण करेगा। जिला स्तर पर भी जांच दल की तैनाती रहेगी।
आधे घंटे पहले पहुंचे परीक्षा केंद्र
12वीं की बोर्ड परीक्षाएं सुबह 8:30 बजे से 11:45 बजे तक 1 ही पाली में आयोजित की जाएंगी। उम्मीदवारों को परीक्षा शुरु होने से कम से कम 30 मिनट पहले केंद्र पहुंचना होगा। देरी से पहुंचने वाले उम्मीदवारों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षा समाप्त होने से पहले अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र नहीं छोड़ पाएंगे। इसके अलावा सभी विद्यार्थियों को 12वीं का प्रवेश पत्र और स्कूल आईडी साथ लेकर जानी होगी। इन दस्तावेजों के बिना प्रवेश नहीं मिलेगा।
इस बार लागू होगा ये कानून
इस बार बोर्ड परीक्षाओं में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) का नया कानून लागू किया जाएगा। इसके तहत विद्यार्थियों की सख्ती से तलाशी ली जाएगी। अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र से हर चीज का मिलान किया जाएगा। परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। उम्मीदवार केवल पेन, पेंसिल, रबड़, स्केल जैसे सामान लेकर जा सकेंगे। परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों के उपयोग पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रश्नपत्रों खोलने की वीडियोग्राफी की जाएगी
इस बार पेपर लीक जैसी घटनाओं से बचने के लिए बोर्ड की ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं। हर केंद्र पर प्रश्नपत्र के लिफाफे को खोलने की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। शिक्षा मंत्री द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति पूरी परीक्षा प्रक्रिया पर निगरानी रखेगी। पहले बार किसी भी विभागीय जांच का सामना कर रहे शिक्षकों या कर्मचारियों को परीक्षा ड्यूटी में शामिल नहीं किया गया है। केवल साफ छवि वाले अधिकारियों कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।