उत्तराखंड: हल्द्वानी हिंसा के पीड़ितों को पैसे बांटने वाले युवक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई, जानें
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 8 फरवरी को एक मस्जिद ढहाने के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। इस बीच हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक युवक दंगा पीड़ितों को पैसे बांटता नजर आया था। अब पुलिस ने उसकी गैर-सरकारी संगठन (NGO) के खिलाफ ही कार्रवाई की है और उस पर दंगों की फंडिंग करने का आरोप लगाया है। NGO को चंदा देने वालों की भी पहचान की जा रही है।
NGO से जुड़ा क्या है मामला?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में जो युवक लोगों को पैसे बांट रहा था, उसकी पहचान हैदराबाद निवासी सलमान खान के रूप में हुई है। वीडियो में उसने खुद को 'अल्लाह का भेजा बंदा' बताया है। यह शख्स 'हैदराबाद यूथ करेज' नाम से एक NGO चलाता है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके पूछताछ कर जानना चाहा कि उसके पास इतने पैसे कहां से आए। इसके बाद पुलिस ने उसके NGO के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी।
उत्तराखंड पुलिस ने NGO पर क्या आरोप लगाए?
पुलिस ने एक्स पर लिखा, "सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक युवक बनभूलपुरा इलाके में लोगों को पैसे बांट रहा है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।" पुलिस ने कहा कि NGO की खाता संख्या, पंजीकरण संख्या, पैन नंबर से जुड़ी जानकारी आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों को भी दी गई है। पुलिस ने बताया कि इस NGO के पंजीकरण और अन्य दस्तावेज सीज करने की दिशा में काम जारी है।
पुलिस ने कहा- NGO को चंदा देने वालों की करेगी पहचान
पुलिस ने कहा, "इस NGO को चंदा देने वालों की भी पहचान की जा रही है। गलत तरीके से पैसा लेने वालों और दंगाइयों का समर्थन करने वालों और सोशल मीडिया पर हिंसा को लेकर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अंत में पुलिस ने कहा, "इसलिए, सभी से अनुरोध है कि वे ऐसे NGO का किसी भी तरह से समर्थन न करें।"
हिंसा के मामले में अब तक 78 गिरफ्तार
हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस अब तक 78 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। गुरुवार को हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक और उसकी पत्नी सहित 6 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 417 (धोखाधड़ी) और 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के तहत मामला ताजा दर्ज किया गया था। इससे पहले पिछले हफ्ते पुलिस ने फरार चल रहे पिता-पुत्र अब्दुल मलिक और अब्दुल मोईद के घरों की कुर्की की थी।
हल्द्वानी में कैसे और क्यों भड़की थी हिंसा?
दरअसल, हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके में कथित तौर पर सरकारी जमीन पर मदरसा और एक मस्जिद बनी हुई थी। हाई कोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी नगर निगम ने इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की। इसी आदेश के तहत नगर निगम द्वारा 8 फरवरी को बुलडोजर से मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया, जिसके बाद हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।