सरकार ने हितधारकों से वापस मांगी विवादास्पद प्रसारण सेवा विधेयक की मसौदा प्रतियां- रिपोर्ट
प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक को लेकर चल रहे विरोध के बीच सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मनीकंट्रोल के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने हितधारकों से इस विधेयक की पूर्व में वितरित की गई मसौदा प्रतियों को वापस देने को कहा है। इस संबंध में कई हितधारकों को मंत्रालय से फोन गए हैं, जिन्हें बिना किसी टिप्पणी के प्रतियां वापस करने का आदेश दिया है। कहा जा रहा है कि सरकार इसके प्रावधानों पर पुनर्विचार कर रही है।
हितधारकों को 24-25 जुलाई को वितरित की गई थीं प्रतियां
MIB ने परामर्श प्रक्रिया के तहत गत 25 और 25 जुलाई को हितधारों को इस विधेयक के मसौदे की प्रतियां भेजकर उनके सुझाव आमंत्रित किए थे। हालांकि, प्रतियां वितरित किए जाने के बाद कई मीडिया संगठनों ने इसके प्रावधानों पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे डिजिटल मंच पर सामग्री को विनियमित और सेंसर करने के लिए बहुस्तरीय कानून प्रणाली बनाने का प्रयास बताया था। मीडिया संगठनों की चिंता को देखते हुए अब सरकार ने प्रतियां वापस मंगवा ली है।
क्या है प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक?
बता दें कि सरकार ने पिछले साल नवंबर में प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 का मसौदा जारी किया था। इसका उद्देश्य प्रसारण क्षेत्र के लिए एक समेकित कानूनी ढांचा लाना और OTT सामग्री, डिजिटल समाचार और समसामयिक मामलों को भी इसके दायरे में लाना है। इसके तहत ब्रॉडकास्टर्स और ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क ऑपरेटरों को अपनी सेवाएं प्रदान करने से पहले सरकार के साथ पंजीकरण करना होगा या सरकार को इसकी सूचना देनी होगी।