छह साल पहले भी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जनरल रावत का हेलीकॉप्टर, बचने में रहे थे कामयाब
बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुनूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलिकॉप्टर में उनकी पत्नी और स्टाफ समेत 14 लोग सवार थे। हादसे में हुए जानमाल के नुकसान और घायलोें की स्थिति के लिए सरकार के बयान का इंतजार किया जा रहा है। आज से करीब छह साल पहले ऐसा मौका आया था, जब जनरल रावत का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस हादसे में उन्हें मामूली चोटें आई थीं।
कब हुआ था हादसा?
3 फरवरी, 2015 को नागालैंड के दीमापुर में जनरल रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। उस वक्त वो लेफ्टिनेंट जनरल थे। दीमापुर से उड़ान भरने के बाद हेलिकॉप्टर महज 20 मीटर ही ऊंचाई पर पहुंचा था कि उसका नियंत्रण खो गया और वह गोते खाता हुआ वापस जमीन पर आ गिरा। हेलिकॉप्टर में रावत के अलावा दो पायलट और एक कर्नल सवार थे, जो सकुशल मलबे से निकल आए। वहीं जनरल रावत को मामूली चोटें आई थीं।
इंजन में खराबी बनी हादसे का कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीता हेलिकॉप्टर के इंजन में तकनीकी खामी आने के कारण यह हादसा हुआ था। बता दें कि चीता हेलिकॉप्टर भारतीय सेना में कई भूमिकाएं निभाता हैं और इसके नाम सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ने का विश्व रिकॉर्ड है।
आज वेलिंगटन कॉलेज में लेक्चर देने जा रहे थे जनरल रावत
अब बात आज के हादसे की करते हैं। जानकारी के अनुसार, जनरल रावत अपनी पत्नी और स्टाफ के साथ वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। इसके लिए वो दिल्ली से विमान में सवार होकर सुलुर बेस पहुंचे थे। यहां से कॉलेज जाने के लिए वो वायुसेना के हेलिकॉप्टर में सवार हुए। रास्ते में सुलुर और कोयंबटूर के बीच उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसे की जानकारी मिलने पर सैन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान चलाया।
आग का गोला बन गया था हेलीकॉप्टर- चश्मदीद
घटनास्थल के पास रहने वाले कृष्णास्वामी ने बताया, "मैंने पहले एक तेज आवाज सुनी। क्या हुआ है, ये देखने के लिए जब मैं बाहर आया तो मैंने हेलीकॉप्टर को एक पेड़ से क्रैश होते हुए देखा। ये एक बड़ा आग का गोला बन गया और फिर दूसरे पेड़ से जा टकराया। मैंने दो-तीन लोगों को हेलीकॉप्टर से गिरते हुए देखा। वे पूरी तरह से जले हुए थे। फिर मैंने मदद के लिए इलाके में रहने वाले लोगों को बुला लिया।"
देश के पहले CDS हैं जनरल रावत
दिसंबर, 2016 में थल सेनाध्यक्ष बनने वाले जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। सेनाध्यक्ष पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने 1 जनवरी, 2020 को तीन साल के लिए CDS पद संभाला था।
1978 में सेना से जुड़े थे जनरल रावत
शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से पढ़े जनरल बिपिन रावत खड़कवासला राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्रशिक्षित हैं। सेना के साथ उनके सफर की शुरूआत दिसंबर 1978 में हुई, जब वो 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन के साथ जुड़े। वो 'स्वॉर्ड ऑफ हॉनर' से सम्मानित हैं। जनरल रावत पूर्वी सेक्टर में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LOAC) के पास इनफ्रेंट्री बटालियन और कश्मीर घाटी इनफेंट्री डिविजन की कमान संभाल चुके हैं।