आज दिल्ली लाया जाएगा जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार
क्या है खबर?
हेलीकॉप्टर क्रैेश में मारे गए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर आज दिल्ली लाया जाएगा और कल कैंट इलाके में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जनरल रावत के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को उनके घर भी लाया जाएगा और यहां सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।
इसके बाद कामराज मार्ग से होते हुए ब्रार स्क्वायर श्मशान घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी।
पृष्ठभूमि
वेलिंगटन जाते समय क्रैश हो गया था जनरल रावत का विमान
बता दें कि कल दोपहर जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोगों को ले जा रहा वायुसेना का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कोयंबटूर में क्रैश हो गया था।
जनरल रावत सुलूर से वेलिंगटन एक कॉलेज में लैक्चर देने के लिए जा रहे थे और इसी दौरान कोयंबटूर के कुनूर में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया।
घटना में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोग मारे गए, वहीं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है।
प्रतिक्रियाएं
देश और दुनिया के नेताओं ने जनरल रावत की मौत पर जताया दुख
देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल रावत की मौत पर पूरे देश में शोक की लहर है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के तमाम शीर्ष नेताओं ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री ल्यॉड जे ऑस्टिन ने भी जनरल रावत के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भी शोक व्यक्त करने वाले लोगों में शामिल हैं।
बयान
मामले पर आज संसद में बयान जारी करेंगे राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज मामले पर संसद में बयान जारी करेंगे। वे संसद के दोनों सदनों को घटना की विस्तृत जानकारी देंगे।
इससे पहले कल वे और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे जनरल रावत के दिल्ली स्थित घर गए थे।
घटनास्थल पर भी कई शीर्ष अधिकारी मौजूद हैं जिनमें वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और तमिलनाडु के पुलिस प्रमुख सी सेलेंद्र बाबू भी शामिल हैं।
परिचय
देश के पहले CDS थे जनरल रावत
दिसंबर, 2016 में थल सेनाध्यक्ष बनने वाले जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। सेनाध्यक्ष पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने 1 जनवरी, 2020 को तीन साल के लिए CDS पद संभाला था।
जनरल रावत 16 दिसंबर, 1978 को बतौर सेकंड लेफ्टिनेंट सेना में भर्ती हो गए थे। उसके बाद वह पीछे नहीं मुड़े।
उनकी निगरानी में कई बड़े उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए और सर्जिकल स्ट्राइक भी उनकी निगरानी में हुई थी।