पाकिस्तान को FATF की चेतावनी पर बोले जनरल रावत- उन्हें आतंक के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की चेतावनी के बाद पाकिस्तान पर आतंकवाद को रोकने का दबाव बढ़ गया है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान पर दबाव है। उन्हें कार्रवाई करनी होगी। हम चाहते हैं कि वो शांति बनाए रखने के लिए काम करें। ग्रे लिस्ट में होना किसी भी देश के लिए एक बड़ा झटका है।" बता दें, FATF ने पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग रोकने के लिए फरवरी तक का समय दिया है।
यहां सुनिये जनरल रावत का बयान
पाकिस्तान पर बढ़ा ब्लैकलिस्ट होने का खतरा
दुनियाभर में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF ने पाकिस्तान को आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए फरवरी, 2020 तक का समय दिया है। अगर इस दौरान पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाएगा तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। फिलहाल पाकिस्तान पिछले साल जून से FATF की ग्रे लिस्ट में है। FATF ने कहा कि पाकिस्तान ने 27 में 22 मानकों पर काम नहीं कर पाया है।
पाकिस्तान से 10 बिंदुओं पर काम करने की उम्मीद
शुक्रवार को पेरिस में खत्म हुई FATF की बैठक में उम्मीद जताई गई कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकी हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने समेत 10 बिंदुओं पर काम करेगा। बैठक में बिना किसी आतंकी का नाम लिए कहा गया कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों और उनके लिए काम करने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लेगा। इसमें फंड पर रोक लगानी, संपत्ति जब्त करना और दूसरी वित्तीय गतिविधियों को रोकना आदि शामिल हैं।
भारत ने रखा था पाक को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव
FATF की बैठक में 205 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। भारत ने बैठक में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव रखा था। भारत ने कहा कि इस्लामाबाद ने हाफिज सईद के फ्रीज किए अकाउंट के इस्तेमाल की अनुमति दी है। वहीं चीन, तुर्की और मलेशिया ने आतंकी फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन किया। किसी देश को ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए कम से कम तीन देशों का समर्थन चाहिए होता है।
पिछले साल जून से ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
पिछले साल जून में पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए अक्टूबर, 2019 तक का समय दिया गया था। अब हुई बैठक में यह समयसीमा बढ़ाकर फरवरी, 2020 की गई है। अगर पाकिस्तान इस दौरान प्रभावी कदम नहीं उठा पाएगा तो उसे नॉर्थ कोरिया और ईरान के साथ ब्लैकलिस्ट में डाला जा सकता है। अगर ऐसा होगा तो आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को विश्व बैंक, IMF और यूरोपीय यूनियन से मदद मिलनी बंद हो जाएगी।