केरल: छह महीने में तीसरी बार कोरोना संक्रमित हुआ युवक, विशेषज्ञों के लिए पहेली बना वायरस
पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहा कोरोना वायरस अब चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए पहेली बन गया है। पिछले महीने हांगकांग और भारत सहित अन्य देशों में कुछ लोगों के दुबारा संक्रमित होने के मामले सामने आए थे, लेकिन अब भारत के केरल में एक युवक के छह महीने में तीसरी बार इससे संक्रमित होने का मामला सामने आया है। इसने चिकित्सा विशेषज्ञों को सकते में ला दिया है। ऐसे में विशेषज्ञ अब इसकी गहन जांच में जुट गए हैं।
त्रिशूर निवासी 38 वर्षीय युवक के तीसरी बार हुई संक्रमण की पुष्टि
TOI के अनुसार त्रिशूर के पोन्नुक्करा निवासी पालावेलिल सावियो जोसेफ (38) के गत 5 सितंबर को RT-PCR टेस्ट में तीसरी बार संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उपचार के बाद ठीक होने पर उन्हें 11 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस घटना ने देश के सभी चिकित्सा विशेषज्ञों को पूरी तरह से चौंका दिया है। कुछ विशेषज्ञ इसे गलत सकारात्मक रिपोर्ट या सामान्य वायरल बता रहे हैं तो कुछ ने इसकी गहन जांच की बात कही है।
सावियो के पहली बार ओमान में हुई थी संक्रमण की पुष्टि
सावियो ओमान में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में सुपरवाइजर हैं। जून में चीनी सहकर्मी के संपर्क में आने के बाद उन्हें सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी हुई थी। जांच में संक्रमण की पुष्टि होने पर उन्हें मस्कट के अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक सप्ताह बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। इसके बाद वह भारत आ गए और यहां 22 जुलाई में उनके फिर से संक्रमण की पुष्टि हो गई। 11 अगस्त को उन्हें छुट्टी दी गई थी।
चिकित्सा विभाग कर रहा है गहन विश्लेषण
हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि हो सकता है यह रीइंफेक्शन का मामला हो या फिर गलत का सकारात्मक रिपोर्ट का। राज्य की विशेषज्ञ समिति के प्रमुख डॉ बी इकबाल ने कहा कि फिलहाल विभाग इसका गहन विश्लेषण कर रहा है। स्वास्थ्य सचिव राजन एन खोबरागड़े ने कहा कि इस तरह का केस अभी कहीं भी रिपोर्ट नहीं किया गया है। इससे सभी चिकित्सा विशेषज्ञ चिंतित है। ऐसे में विभाग इसकी गहन जांच कर रहा है।
RT-PCR टेस्ट में चार महीने तक दिख सकती है वायरस की उपस्थिति
त्रिशूर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ केजे रीना ने इसके रीइंफेक्शन का मामला होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा उनके पास मरीज के ओमान में संक्रमण होने का रिकॉर्ड नहीं है। इसी तरह RT-PCR टेस्ट में चार महीने तक वायरस की उपस्थिति दिख सकती है।
अप्रैल में पिता बनने के बाद भी नहीं देख सका बच्चों का मुंह- सावियो
सावियो ने कहा कि बार-बार संक्रमण होने से उनका पारिवारिक और सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है। उनकी पत्नी ने अप्रैल में कोझिकोड में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है, लेकिन वह अब तक बच्चों को नहीं देख पाए हैं। वह डर के कारण खुद को उनसे दूर रख रहे हैं। उन्होंने कहा संक्रमण के बाद उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। उन्हें कंधे की सर्जरी भी करानी है और इसके लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत है।
मामले की जांच के लिए सावियो के एंटीबॉडी टेस्ट की है जरूरत- डॉ रीना
डॉ रीना ने कहा कि मामले की जांच के लिए एंटीबॉडी टेस्ट की आवश्यकता है और इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। इसी बीच एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा सावियो के दूसरी बार संक्रमित होने के बाद उन्होंने एंटीबॉडी टेस्ट की बात कही थी, लेकिन उच्चाधिकारयों ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया था। बता दें कि ICMR की गाइडलाइंस के अनुसार एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने वाले संदिग्ध रोगियों का RT-PCR टेस्ट आवश्यक है।
भारत और केरल में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 86,052 नए मामले सामने आए और 1,141 मरीजों की मौत हुई। देश में कुल मामलों की संख्या 58,18,570 हो गई है, वहीं 92,290 की मौत हो चुकी है। सक्रिय मामलों की संख्या 9,70,116 हो गई है। इसी तरह केरल में संक्रमितों की संख्या 1.55 लाख से अधिक हो गई है। इनमें से अब तक 613 की मौत हो चुकी है और 1.08 लाख मरीज उपचार के बाद ठीक हो गए हैं।