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भारत में सामने आया एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि
भारत में सामने आया एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला

भारत में सामने आया एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि

Sep 08, 2024
05:45 pm

क्या है खबर?

दुनिया में लगातार बढ़ रहे एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) वायरस के मामलों से चिकित्सा विशेषज्ञों काफी चिंतित है। इसके लिए तमाम देशों में ऐहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच भारत में भी इस वायरस का पहला संदिग्ध मामला सामने आ गया है। फिलहाल उसे एमपॉक्स के लिए निर्धारित अस्पताल में आइसोलेट कर दिया है और उसकी जांच की जा रही है और उसकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को खुद इसकी जानकारी दी है।

बयान

स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या जारी किया बयान?

इंडिया टुडे के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "एक युवा पुरुष रोगी की पहचान एमपॉक्स के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है। वह हाल ही में ऐसे देश (अफ्रीका) से आया था, जहां एमपॉक्स संक्रमण फैल रहा है। रोगी को अस्पताल में आइसोलेट किया गया है और उसकी हालत स्थिर है।" मंत्रालय ने कहा, "संक्रमण की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों की जांच की जा रही है। मामले को स्थापित प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।"

चिंता

नहीं है चिंता की कोई बात- मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा, "इस मामले में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा किए गए पूर्व जोखिम आकलन के अनुरूप है।" मंत्रालय ने कहा, "देश इस तरह के यात्रा संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए मजबूत उपाय किए गए हैं। इस मामले की पूरी निगरानी की जा रही है।"

संक्रमण

क्या है एमपॉक्स वायरस?

एमपॉक्स वायरस के संक्रमण से होने वाली एक बीमारी है। यह वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली से है, जिसमें वेरियोला, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य वायरस शामिल हैं। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कमजोरी और सूजे हुए लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसमें शरीर पर चेचक जैसे लाल और बड़े चकत्ते निकलने लगते हैं। इसका पहला मामला 1958 में कांगो में दर्ज किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

कारण

एमपॉक्स कैसे फैलता है?

WHO के अनुसार, किसी संक्रमित जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों या उसके स्पर्श से भी यह फैलता है। यह वायरस छिली हुई त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह यौन संबंधों के जरिए भी फैलता है। साल 2022 में यह वायरस ज्यादातर यौन संपर्क के माध्यम से फैला था।

जानकारी

कहां-कहां सामने आ चुके हैं एमपॉक्स के मामले?

एमपॉक्स के मामले कांगो, रवांडा, युगांडा, बुरुंडी और केन्या के बाद पाकिस्तान, थाईलैंड, सिंगापुर और फिलीपींस में सामने आ चुके हैं। यह पहली बार है कि एमपॉक्स के मामले में अफ्रीका के बाहर या एशियाई देशों में भी सामने आए हैं।