दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे किसान, ट्रैफिक दिशानिर्देश जारी
किसानों का एक और समूह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की अपनी मांग को लेकर सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। भारतीय किसान यूनियन (BKU) टिकैत और BKU लोकशक्ति से जुड़े किसान आज नोएडा से दिल्ली तक ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे। इससे आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि पहले ही यहां नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ भारतीय किसान परिषद और अखिल भारतीय किसान सभा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों की योजना क्या है?
BKU टिकैत (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा, "हमारी योजना ग्रेटर नोएडा से नोएडा की ओर ट्रैक्टरों की कतार लगाने और नोएडा एक्सप्रेसवे के जरिए चिल्ला सीमा की ओर बढ़ते हुए यमुना एक्सप्रेसवे के साथ मार्च करने की है।" उन्होंने किसानों से इस मार्च में भाग लेने का आग्रह करते हुए कहा, "ग्रेटर नोएडा के जेवर टोल प्लाजा पर विभिन्न गांवों से किसान जुटेंगे। वहां से हम नोएडा की चिल्ला सीमा की ओर बढ़ेंगे।"
ट्रैक्टर मार्च के मद्देनजर नोएडा पुलिस ने जारी किए दिशानिर्देश
ट्रैक्टर मार्च के मद्देनजर नोएडा पुलिस ने यातायात को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। चिल्ला बॉर्डर से दिल्ली जाने वाले वाहन सेक्टर 14ए फ्लाईओवर से गोलचक्कर चौक सेक्टर-15 मार्ग का, डीएनडी बॉर्डर से दिल्ली जाने वाले फिल्म सिटी फ्लाईओवर से सेक्टर 18 होकर एलिवेटेड मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। कालिंदी बॉर्डर से वाहन महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर-37 होते हुए जा सकते हैं। दिल्ली जाने वाले वाहन जेवर टोल से खुर्जा की ओर उतरकर जहांगीरपुर होते हुए जा सकते हैं।
जाम से बढ़ सकती आम जनता मुश्किलें, हेल्पलाइन नंबर जारी
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को बैरिकेड्स से सील कर दिया जाएगा। पुलिस दिल्ली या नोएडा में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच करेगी। लोगों को असुविधा से बचने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे का उपयोग न करने और वैकल्पिक मार्गों या मेट्रो का उपयोग करने की सलाह दी गई है। नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन में नंबर भी जारी किया है। असुविधा की स्थिति में लोग हेल्पलाइन नंबर 99710-09001 पर संपर्क कर सकते हैं।
किसानों की मांग- WTO से बाहर निकालें कृषि क्षेत्र
रविवार को, प्रदर्शनकारी किसानों ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) की नीतियों पर एक सेमिनार आयोजित किया, जिसमें किसान नेता सरवन सिंह पंढेर कहा कि कृषि क्षेत्र को WTO समझौते के दायरे से बाहर निकाला जाना चाहिए क्योंकि इसका किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, "1995 से पहले, भारत अपनी स्वतंत्र कृषि नीति के अनुसार चलता था, लेकिन जब भारत ने WTO के तहत समझौता किया तब चीजें बदल गईं।" किसान सोमवार को WTO और सरकार का पुतला जलाएंगे।
किसानों पर पुलिस ने बरसाए डंडे
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि उनके सहयोगी प्रीतपाल सिंह को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर खनौरी में 'लंगर सेवा' के दौरान पुलिसकर्मियों ने पीटा। उनका चंडीगढ़ के एक अस्पताल में इलाज जारी है। किसान नेता पंढेर और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिंह पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। इससे पहले किसानों ने शनिवार शाम को पंजाब और हरियाणा की अंतरराज्यीय सीमाओं पर कैंडललाइट मार्च निकाला था।
'दिल्ली चलो' मार्च 29 फरवरी को दोबारा होगा शुरू, हरियाणा में इंटरनेट सेवा बहाल
दरअसल, 'दिल्ली चलो' मार्च को सुरक्षाबलों द्वारा 13 फरवरी को रोके जाने के बाद से किसान हरियाणा से सटे पंजाब की खनौरी और शंभू सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसान नेता पंढेर ने 23 फरवरी को कहा कि किसान 29 फरवरी तक दोनों सीमाओं पर डटे रहेंगे। यह आंदोलन 29 फरवरी तक स्थगित कर दिया है। इस बीच हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं, लेकिन पंजाब में कई जगहों पर अभी भी बंद हैं।
फिर क्यों विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं हजारों किसान?
किसान चाहते हैं सरकार उनकी मांगों की सूची मान लें। किसानों की मांगों में MSP पर कानून, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, किसानों की कर्ज माफी, मुकदमे रद्द करना, वृद्ध किसानों को पेंशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार और भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 लागू करना प्रमुख हैं। इसमें मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाने, कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन और विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 को रद्द करने की मांग भी शामिल है।