भारत की पहली सफल कोरोनरी धमनी सर्जरी के अग्रदूत डॉ केएम चेरियन का निधन
क्या है खबर?
प्रसिद्ध भारतीय हृदय शल्य चिकित्सक डॉ केएम चेरियन का शनिवार देर रात 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
वह बेंगलुरु में एक समारोह में अचानक बेहोश हो गए थे और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
डॉ चेरियन को 1975 में भारत की पहली सफल कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी सहित कई अभूतपूर्व हृदय शल्य चिकित्सा करने के लिए जाना जाता है। उन्हें मस्तिष्क मृत्यु के बाद पहला हृदय प्रत्यारोपण करने का श्रेय भी दिया जाता है।
कारण
कैसे हुआ डॉ चेरियन का निधन?
डॉ चेरियन की बेटी संध्या ने बताया कि उनके पिता शनिवार को एक शादी में शामिल होने बेंगलुरु गए थे, लेकिन वह देर शाम अचानक बेहोश हो गए। इसके बाद उन्हें तत्काल मणिपाल अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन रात 11.55 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
चेरियन के निधन से चिकित्सा जगत में शोक की लहर है। फोर्टिस के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के चेयरमैन डॉ विवेक जावली ने कहा कि डॉ चेरियन का निधन बहुत बड़ी क्षति है।
उपलब्धि
डॉ चेरियन के नाम दर्ज हैं ये उपलब्धियां
डॉ चेरियन सिर्फ एक सर्जन ही नहीं थे बल्कि एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। उनके असाधारण कौशल और समर्पण ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई थी।
उन्होंने भारत का पहला हृदय-फेफड़ा प्रत्यारोपण और बाल चिकित्सा हृदय प्रत्यारोपण भी किया था।
चेन्नई के रेलवे अस्पताल में सेवा देने के बाद, फ्रंटियर लाइफलाइन और डॉ चेरियन हार्ट फाउंडेशन की स्थापना करने से पहले उन्होंने विजया अस्पताल और मद्रास मेडिकल मिशन सहित कई निजी अस्पतालों में काम किया।
जानकारी
डॉ चेरियन को पद्म श्री सहित कई सम्मान मिले
डॉ चेरियन ने 1990 से 1993 तक भारत के राष्ट्रपति के मानद शल्य चिकित्सक के रूप में भी कार्य किया था। चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री और 2005 में हार्वर्ड मेडिकल एक्सीलेंस अवार्ड सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए थे।