कोरोना वायरस से पूरी तरह ठीक होने में लग सकता है एक महीने तक का समय
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारत में छह लाख से अधिक संक्रमित ठीक हो चुके हैं। यह एक अच्छी खबर है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह इतना आसान नहीं है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के संक्रमण से पूरी तरह से ठीक होने की प्रक्रिया लंबी और मुश्किल है। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर देता है। इससे ठीक होने के बाद भी रोगी में कई लक्षण नजर आते हैं।
पूरी तरह से ठीक होने में लगता है चार-छह सप्ताह का समय
इंडिया टुडे के अनुसार मैक्स हेल्थकेयर के निदेशक डॉ संदीप बुद्धिराज ने कहा है कि संक्रमण से ठीक होने वाले अधिकतर लोगों में अत्यधिक थकान, सांस फूलना और कमजोरी की शिकायत रहती है। सबसे आम परेशानी सही तरह से सांस नहीं ले पाने और बेहद ज्यादा थकान की होती है। ऐसे में वायरस से संक्रमित हुए व्यक्ति को उपचार के बाद पूरी तरह से ठीक होने में चार से छह सप्ताह तक का समय लग सकता है।
मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है कोरोना वायरस
कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले विभिन्न अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कुछ मरीजों में अल्पकालीन और दीर्घकालीन न्यूरोलॉजिकल प्रभाव भी देखे हैं। कुछ मामलों में वायरस ने मरीजों के मस्तिष्क को भी प्रभावित किया है। सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ धीरेन गुप्ता के अनुसार कुछ मरीज डिप्रेशन में चले जाते हैं। उनके मन में डर बना रहता है। इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है।
शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है कोरोना वायरस
डॉ धीरेन गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर कहा जाता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से फेफड़े सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, लेकिन अब सामने आया है कि इससे काफी हद तक संक्रमित व्यक्ति के हृदय, मस्तिष्क, आंत और गुर्दे भी प्रभावित होते हैं।
मांसपेशियों और शरीर में रहती है दर्द की शिकायत
डॉ धीरेन गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं के आंतरिक स्तर को प्रभावित करता है। इससे मांसपेशियों और शरीर में दर्द की शिकायत होती है। इसके अलावा स्ट्रोक और दिल के दौरे का भी खतरा रहता है। संक्रमित मरीजों में थ्रोम्बोसिस या रक्त के थक्के जमने तथा क्रोनिक या गंभीर सिरदर्द की परेशानी भी देखी जा रही है। इन सभी परेशानियों से ग्रसित मरीज को ठीक होने में तीन महीने भी लग सकते है।
लंबे समय तक ICU में रहने वाली मरीजों को है ज्यादा खतरा
AIIMS में मेडिसिन के प्रमुख और कोरोना के लिए क्लिनिकल टास्क फोर्स के सदस्य डॉ नवेग विग ने बताया कि संक्रमितों में से अधिकतर बिना किसी अन्य परेशानियों के ठीक हो जाते हैं। हालांकि, लंबे समय तक ICU में भर्ती रहने वाले मरीजों में अन्य गंभीर बीमारियों के लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसे मरीजों को भोजन और जलजनित कीटाणू और मच्छरों से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों को है ये सावधानी रखने की जरूरत
विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमित मरीजों को ठीक होने के बाद पर्याप्त जलयोजन प्रक्रिया, चेस्ट फिजियोथेरेपी और स्पिरोमेट्री की आवश्यकता होती है। इसके अलावा उन्हें दर्द से बचने के लिए पिंडली और क्वाड्रिसेप्स व्यायाम, लंबे समय तक अस्पताल में रहने के बाद शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने, अवसाद को दूर करने के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ सामाजिक और पारिवारिक समर्थन और मच्छर जनित बीमारियों से बचने की आवश्यकता होती है।
फेफड़ों को मजबूत करने के लिए किए जानी चाहिए ये उपाय
भारत के पूर्व राष्ट्रपति के फिजिशियन डॉ मोहसीन वाली ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक होने के बाद सक्रिय जीवन शैली अपनानी चाहिए। उन्होंने बताया कि ठीक होने के बाद मरीजों को अपने फेफड़ों को मजबूती देने के लिए शंख बजाने या गुब्बारे फुलाने का व्यायाम करना चाहिए। संक्रमण से फेफड़े सिकुड़ जाते हैं। ऐसे में ये व्यायाम से फेफड़ों को 60 प्रतिशत तक मजबूत बना देते हैं। डॉ बुद्धिराज ने प्राणायम की सलाह दी है।
ठीक होने वाले मरीजों पर किया जा रहा है अध्ययन
संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में आ रही समस्या को लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई अध्ययन प्रकाशित हुए हैं। ऐसे में भारत में भी छह AIIMS सहित नौ अस्पतालों में अब तक ठीक हुए मरीजों की निगरानी करते हुए अध्ययन किया जा रहा है।
भारत में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 32,695 नए मामले सामने आए और 606 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। ये अब तक एक दिन में सामने आए सबसे अधिक मामले हैं। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या नौ लाख के पार 9,68,876 हो गई है, वहीं 24,915 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 3,31,146 है। इसी तरह अब तक 6,14,897 ठीक हो चुके हैं।