संविधान के खिलाफ टिप्पणी को लेकर इस मंत्री के खिलाफ कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
केरल हाई कोर्ट ने अपराध शाखा को आदेश दिया है कि मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन द्वारा 2022 में भारतीय संविधान के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के आरोपों की जांच की जाए। इस टिपण्णी के कारण ही चेरियन को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। एक वीडियो में चेरियन को कथित तौर पर यह कहते हुए दिखाया गया था कि संविधान का उद्देश्य "आम आदमी का शोषण करना है" और यह "मजदूर वर्ग विरोधी" है।
हाई कोर्ट ने पिछली पुलिस रिपोर्ट को खारिज किया
केरल पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में चेरियन को संविधान पर की गई उनकी टिप्पणियों के मामले में बरी कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने इस पुलिस रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया। कोर्ट ने आपत्तिजनक टिप्पणियों के प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर नई जांच के आदेश दिए हैं। साल 2023 में तिरुवल्ला की एक कोर्ट ने भी केरल पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर चेरियन को आरोपों से बरी कर दिया था।
विपक्ष ने की इस्तीफे की मांग
चेरियन ने किसी भी तरह की बयानबाजी से इनकार किया है और कहा कि कोर्ट ने मामले की योग्यता पर गौर नहीं किया, बल्कि केवल आगे की जांच का आदेश दिया है। विपक्ष ने चेरियन के इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, उन्होंने फिर से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया और कहा कि उनका पिछला इस्तीफा एक नैतिक रुख था और उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास व्यक्त किया।